हिन्दू धर्म में वैशाख माह (vaishakh maah 2024)बेहद पवित्र माना जाता है। कहा जाता है कि यह माह भगवान की पूजा और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सबसे उपयुक्त है। वैशाख माह के बारे में हिन्दू धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है-
न माधव समो मासो न कृतेन युगं समम् ।
न च वेद समं शास्त्रं न तीर्थ गंगयां समम् ।।
अर्थात् वैशाख के समान कोई मास नहीं है, सतयुग के समान कोई युग नहीं है, वेद के समान कोई शास्त्र नहीं है और गंगा जी के समान कोई तीर्थ नहीं है।
वैशाख माह (vaishakh maah) में आने वाले सभी त्यौहार पुण्यदायी होने के साथ-साथ मनोकामना पूरी करने वाले होते हैं। इस माह में आने वाली एकादशी बेहद पुण्यदायी मानी जाती है। वैशाख माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को वरुथिनी एकादशी (varuthini ekadashi 2024) के नाम से जाना जाता है, कहा जाता है कि इस दिन व्रत-उपवास रखने तथा भगवान विष्णु की आराधना करने से जन्म-जन्मांतर के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। इस व्रत के पुण्य प्रताप से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
वरुथिनी एकादशी का महत्व
Varuthini Ekadashi Importance: वरुथिनी एकादशी के दिन व्रत, स्नान-दान और भगवान विष्णु की आराधना करने से तपस्या करने के बराबर फल मिलता है। इसके अलावा यह व्रत सौभाग्य प्रदान करने वाला माना जाता है। कहा जाता है कि वरुथिनी एकादशी के दिन आनाज और भोजन का दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। अविवाहित लोगों को मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त करने के लिए वरुथिनी एकादशी का व्रत (varuthini ekadashi vrat) अवश्य रखना चाहिए।
वरूथिनी एकादशी तिथि और शुभ मुहूर्त
Varuthini Ekadashi date and shubh muhurat: इस साल वरुथिनी एकादशी 4 मई को मनाई जाएगी। एकादशी का (shubh muhurat) शुभ मुहूर्त 3 मई को देर रात 11 बजकर 24 मिनट पर शुरू होगा। जो अगले दिन 4 मई को रात 8 बजकर 38 मिनट पर समाप्त होगा। व्रत का पारण 4 मई को सुबह 5 बजकर 37 मिनट से लेकर 8 बजकर 17 तक किया जा सकेगा।
वरुथिनी एकादशी की पूजा विधि
- वरुथिनी एकादशी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें।
- लकड़ी की एक चौकी लें और उस पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु का चित्र स्थापित करें।
- भगवान विष्णु को पंचामृत जैसे कि (दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल) अर्पित करें।
- धूप, दीप और कपूर आदि प्रज्वलित करें।
- (Varuthini Ekadashi Puja Vidhi) विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा करें और तुलसी के पत्ते, फल और पीली मिठाई का भोग लगाएं।
- भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें।
- अंत में आरती करें और प्रसाद को सभी लोगों के बीच वितरित करें।
- भगवान को प्रणाम करके सुखी तथा समृद्ध जीवन का आशीर्वाद मांगे।
वरुथिनी एकादशी पर दान का महत्व
varuthini ekadashi par daan ka mahatva: सनातन परंपरा में दान देने की गौरवशाली परंपरा अनादिकाल से ही चली आ रही है। हिन्दू धर्म जिन महत्वपूर्ण स्तंभों पर अविचल खड़ा है, उनमें ‘दानशीलता‘ एक प्रमुख स्तंभ है। कहा जाता है कि एकादशी के दिन ब्राह्मणों तथा पात्र लोगों को दान देना बेहद पुण्यकारी होता है। यदि आप भगवान के इस प्रिय दिन पर दान देते हैं तो दान का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। दूसरों को दिए हुए दान से आपको खुशी मिलती है। जो आपकी जिंदगी में सकारात्मक बदलाव लेकर आती है।
अथर्ववेद में दान को लेकर कहा गया है-
शतहस्त समाहर सहस्त्रहस्त सं किर।
अर्थात् सौ हाथों से धन अर्जित करो और हजारों हाथों से धन को पात्र व्यक्तियों को बांटों।
दान के महत्व का उल्लेख सनातन धर्म के कई ग्रंथों में किया गया है। कूर्मपुराण में कहा गया है-
स्वर्गायुर्भूतिकामेन तथा पापोपशान्तये।
मुमुक्षुणा च दातव्यं ब्राह्मणेभ्यस्तथाअवहम्।।
अर्थात् स्वर्ग, दीर्घायु तथा ऐश्वर्य के अभिलाषी और पाप की शांति तथा मोक्ष की प्राप्ति के इच्छुक व्यक्ति को ब्राह्मणों और पात्र व्यक्तियों को भरपूर दान करना चाहिए।
वरुथिनी एकादशी पर करें इन चीजों का दान
वरुथिनी एकादशी के शुभ अवसर पर अन्न और भोजन का दान (food donation) सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। साथ ही इस पुण्यकारी दिन पर वस्त्र और शिक्षा दान का भी विशेष महत्व है। इस दिन दीन-हीन, असहाय बच्चों को भोजन कराने तथा वस्त्र दान करने के साथ शिक्षा से संबंधित चीजें दान करना पुण्यकारी माना जाता है। वरुथिनी एकादशी के पुण्यकारी अवसर पर नारायण सेवा संस्थान के भोजन दान, वस्त्र दान और शिक्षा दान के प्रकल्प में सहयोग करके पुण्य के भागी बनें।
प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न: वरुथिनी एकादशी कब है? (varuthini ekadashi kab hai)
उत्तर: इस साल वरुथिनी एकादशी 4 मई को मनाई जाएगी।
प्रश्न: क्या एकादशी को बाल धोने चाहिए? (kya ekadashi ko bal done chahiye)
उत्तर: नहीं, एकादशी के शुभ दिन पर बाल धोना या कटवाना शुभ नहीं माना जाता है।
प्रश्न: वरुथिनी एकादशी के दिन क्या करना चाहिए? (varuthini ekadashi ke din kya karna chahiye)
उत्तर: वरुथिनी एकादशी पर स्नान-दान के साथ भगवान विष्णु का स्मरण और पूजा अवश्य करें।