सनातन धर्म में एकादशी बेहद महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। यह दिन हर माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष के ग्यारहवें दिन आता है। इस दिन लोग व्रत रखते हैं जिसका उद्देश्य आत्मा को शुद्ध करना है। यह तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। दुनिया भर में लाखों हिंदू इस दिन पारंपरिक पूजा करते है और व्रत या उपवास रखते हैं। इसे एकादशी व्रत के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन व्रत रखने से हजारों ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर पुण्य मिलता है।
एकादशी एक पवित्र दिवस है। जो इस जगत के पालनहार भगवान नारायण की आराधना के लिए समर्पित है। कहा जाता है कि एकादशी का व्रत करने से पापों का नाश होता है और श्रीहरि भक्तों के सभी कष्टों का निवारण करते हैं। एकदशी लोगों की समस्त आधि-व्याधियों को नष्ट करती है और उन्हें गुण और यश प्रदान करती है।
सनातन परंपरा में एकादशी के शुभ मौके पर दान-पुण्य का विशेष महत्व माना जाता है। यह व्रत मोक्ष, धन, सुख और सौभाग्य प्रदान करता है। इस शुभ दिन पर एनजीओ, मंदिरों, ब्राह्मणों और गरीब लोगों को दान देने पर लोगों के ऊपर भगवान विष्णु की कृपा होती है। एकादशी के पवित्र दिन पर अन्न, भोजन, जल, तिल, वस्त्र, जूते, धन, छाता और फल दान करने का विधान है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति श्रद्धापूर्वक एकादशी व्रत का पालन करता है और जरूरतमंदों को उदारतापूर्वक दान देता है, उसका जीवन भगवान के आशीर्वाद के साथ बिना किसी परेशानी के व्यतीत होता है।
एकादशी के दिन जरूरतमंदों को दान देने से इसका सकारात्मक प्रभाव लोगों के जीवन पर देखने को मिलता है। इस दिन आप नारायण सेवा संस्थान को दान दे सकते हैं। यह एक गैर सरकारी संगठन है जो समाज के वंचित वर्गों के उत्थान के लिए काम करता है। यह संगठन जरूरतमंदों को मुफ्त भोजन, कपड़े, शिक्षा, चिकित्सा देखभाल और चिकित्सा उपकरण सहित कई अन्य मुफ्त सेवाएं मुहैया करवाता है। आपके द्वारा दिए गए दान से उन लोगों को लाभ होगा जो अपने इलाज, बच्चों की शिक्षा और भोजन का भुगतान करने में असमर्थ हैं।
आपके द्वारा दिए गए 3000 रुपये के दान से जरूरतमंदों, परित्यक्तों और दिव्यांग बच्चों को भोजन कराया जाएगा।