सनातन धर्म में उत्पन्ना एकादशी का दिन अत्यंत पवित्र और विशेष माना जाता है। यह दिन भगवान विष्णु की आराधना और सेवा कार्यों के लिए समर्पित होता है। मान्यता है कि इस एकादशी पर व्रत रखने और दान करने से न केवल पापों का नाश होता है, बल्कि यह जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का मार्ग भी प्रशस्त करता है।
उत्पन्ना एकादशी का महत्व
उत्पन्ना एकादशी के दिन व्रत रखने, दीन-दु:खी, निर्धन लोगों को दान देने और भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह व्रत जीवन में सकारात्मकता, संयम और मानसिक शांति लाता है। जिन भक्तों को अपने जीवन में कठिनाइयाँ झेलनी पड़ रही होती हैं, वे इस एकादशी का व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
सनातन परंपरा के शास्त्रों में इस एकादशी का विस्तार से वर्णन मिलता है। कहा जाता है कि इस दिन व्रत करने और दान देने से साधक को बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही जन्म-जन्मांतर में किए गए पापों से मुक्ति मिलती है और भगवान विष्णु की कृपा भक्तों पर बरसती है।
जरूरतमंद दिव्यांग बच्चों के लिए करें भोजन दान
उत्पन्ना एकादशी भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के साथ-साथ जरूरतमंद लोगों के प्रति अपने कर्तव्यों को भी निभाने का एक अवसर है। यह दिन सेवा और परोपकार की भावना से ओत-प्रोत होता है और इसी दिन हम दीन-दुखियों, असहाय और दिव्यांग बच्चों को भोजन कराने में योगदान देकर अपने धर्म का पालन कर सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि जरूरतमंद की सहायता करने से ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त होता है और यह पुण्य का कार्य मोक्ष के मार्ग पर ले जाता है।
सनातन परंपरा में दान को अत्यंत शुभकारी माना गया है। इसका उल्लेख कई धर्म ग्रंथों में मिलता है। गोस्वामी तुलसीदास जी ने दान के महत्व को बताते हुए कहा है-
तुलसी पंछी के पिये घटे न सरिता नीर।
दान दिये धन ना घटे जो सहाय रघुवीर।।
अर्थात पक्षियों ने पानी पीने से जिस प्रकार से नदी का जल कम नहीं होता, उसी प्रकार यदि आपके ऊपर भगवान की कृपा है तो दान देने से आपके घर में कभी धन की कमी नहीं होती।
उत्पन्ना एकादशी के पुण्यकारी अवसर पर पर जरूरतमंद और दिव्यांग बच्चों को भोजन करवाने के सेवा प्रकल्प में सहयोग करके पुण्य के भागी बनें और अपने जीवन को सेवा और परोपकार से परिपूर्ण बनाएं।
आपके द्वारा दिए गए दान से जरूरतमंद दिव्यांग बच्चों को भोजन कराया जाएगा