सामूहिक विवाह के आयोजन के पीछे संस्थान का उद्देश्य सामाजिक समावेशन है। इसके माध्यम से संस्थान हर दिव्यांग और निर्धन व्यक्ति के विवाह की ज़िम्मेदारी उठाना चाहती है जिससे ये वंचित जन सामान्य जीवन जी सके और समाज की मुख्यधारा का हिस्सा बन सके।
2008 में, 47 दिव्यांग और वंचित जोड़े उदयपुर में आयोजित पहले सामूहिक विवाह समारोह में शादी के बंधन में बंधे और सभी ने दहेज प्रथा के खिलाफ प्रतिज्ञा ली। नारायण सेवा संस्थान ने उन सभी लोगों के लिए विवाह समारोह का आयोजन किया, जिनकी संस्थान ने सुधारात्मक सर्जरी के माध्यम से मदद की थी। तीस विवाहित जोड़े वो थे जिन्होंने संस्थान के व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से कौशल विकास प्रशिक्षण प्राप्त किया था। संस्थान ने कई जोड़ों को उनकी क्षमताओं के अनुरूप रोज़गार भी प्रदान किया, जिससे उन्हें आर्थिक रूप से भी स्वतंत्र और सक्षम होने में मदद मिली। संस्थान प्रत्येक वर्ष 2 सामूहिक विवाह का आयोजन करती है जिसमें कई दिव्यांग और निर्धन जोड़े विवाह कर एक नए जीवन की शुरुआत करते हैं।