25 December 2023

इस दिन मनाई जाएगी माघशीर्ष पूर्णिमा, ये उपाय करने से मिलेगा 32 गुना अधिक फल

इस साल की आखिरी पूर्णिमा 26 दिसम्बर को पड़ रही है। मार्गशीर्ष की इस पूर्णिमा को बेहद खास माना जा रहा है क्योंकि इस दिन कई शुभ संयोग निर्मित हो रहे हैं। ये संयोग भक्तों को माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद दिलाने में सहायक होंगे। कहा जाता है कि इस पूर्णिमा में किसी पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करने के साथ ही जरूरतमंदों को दान देने से पापों का नाश होता है और भगवान नारायण तथा माँ लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही आरोग्य जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है और आयु में वृद्धि होती है। 

इस पूर्णिमा का उल्लेख सनातन परंपरा के कई पुराणों में किया गया है। जिनमें इस पूर्णिमा को आरोग्य जीवन प्रदान करने वाली पूर्णिमा बताया गया है। कहा जाता है कि इस पूर्णिमा पर शरीर पर तुलसी की जड़ की मिट्टी का लेप लगाकर स्नान करना चाहिए। इससे भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करती हैं। 

 

मार्गशीर्ष पूर्णिमा का शुभ योग

इस बार की मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर शुक्ल योग और ब्रह्म योग का शुभ संयोग बन रहा है। यह भक्तों के लिए बेहद लाभकारी है। इस शुभ योग में भक्तों को इस जगत के पालनहार श्रीहरि विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। यह पूजा साधकों के लिए विशेष फलदायी होती है।

 

पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त 

पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त 26 दिसम्बर को सुबह 5  बजकर 46 मिनट से शुरू हो जाएगा जो अगले दिन 27 दिसंबर की सुबह 6 बजकर 2 मिनट तक रहेगा। मंगलवार को पूर्णिमा का व्रत और स्नान-दान मान्य रहेगा। स्नान के लिए ब्रह्म मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ रहेगा। 

 

पूर्णिमा की पूजा विधि 

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर पूरे विधि-विधान से भगवान नारायण और माँ लक्ष्मी की साथ में पूजा करनी चाहिए। इस दिन सुबह किसी पवित्र नदी में स्नान करें। अगर आप किसी पवित्र नदी में नहीं जा पाएं है तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इसके बाद साफ और स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजा शुरू करें। इस दिन भगवान विष्णु को पीले रंग के फूल और वस्त्र अर्पित करें। साथ ही पीले रंग के फल भी चढ़ाएं। साथ ही माँ लक्ष्मी को लाल रंग के फल फूल और वस्त्र अर्पित करें और पूरे मन के साथ पूजा करें। मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत रखने और इस दिन लक्ष्मी नारायण की विधिवत पूजा करने से घर में सुख संपत्ति का आगमन होता है। 

 

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर स्नान-दान का महत्व

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर स्नान-दान बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन स्नान-दान करने से सामान्य दिनों की पूजा अर्चना के मुकाबले 32 गुना ज्यादा पुण्य प्राप्त होता है। इसलिए इसे बत्तीसी पूर्णिमा भी कहा जाता है। 

 

ये चीजें करें दान 

सुबह स्नान के बाद निर्धन, असहाय और जरूरतमंदों को अन्न और भोजन का दान अवश्य करें। पूर्णिमा पर अन्न और भोजन का दान सर्वोत्तम माना जाता है। 

  • जरुरतमंद लोगों को अनाज का दान करें साथ ही उन्हें पूरे मन के साथ भोजन कराएं। 
  • मार्गशीर्ष पूर्णिमा के समय ठंड अपने चरम पर होती है इसलिए इस दिन गर्म वस्त्रों का दान श्रेष्ठ माना गया है। पूर्णिमा के दिन गरीब और असहाय बच्चों को गर्म वस्त्रों का दान करना चाहिए।
  • दान देने में विद्या दान को भी श्रेष्ठ माना जाता है। इसलिए इस दिन निर्धन बच्चों को कॉपी किताबें दिलवाला चाहिए। साथ ही हो सके तो इस दिन किसी असहाय बच्चे की पढ़ाई की जिम्मेदारी उठायें।