मकर संक्रांति भारत में मनाए जाने वाले प्रमुख त्यौहारों में से एक है, जिसे विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नाम से जाना जाता है। जैसे कि उत्तर भारत में इसे संक्रांति, गुजरात और महाराष्ट्र में उत्तरायण, तमिलनाडु में पोंगल और असम में माघ बिहू कहा जाता है। हिन्दी भाषी क्षेत्रों में इस त्यौहार को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है। यह त्यौहार सूर्य देव के मकर राशि में प्रवेश करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
मकर संक्रांति का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व गहरा है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, यह त्यौहार उत्तरायण की शुरुआत का प्रतीक है, जिसका अर्थ है कि सूर्य देव अब दक्षिण से उत्तर दिशा की ओर गमन करेंगे। यह माना जाता है कि उत्तरायण का समय बेहद शुभ होता है, और इस दौरान किए गए धार्मिक कार्यों का पुण्य भी विशेष होता है। इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य और पूजा-अर्चना का बड़ा महत्व होता है। प्राचीन ग्रंथों के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान और ब्राह्मणों तथा दीन-दु:खी दान-पुण्य करने से व्यक्ति को समस्त पापों से मुक्ति मिलती है।
साल 2025 मकर संक्राति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा। इस शुभ पर्व के लिए पुण्य काल सुबह 9:03 बजे से शाम 5:46 बजे तक रहेगा। साथ ही महा पुण्य काल सुबह 9:03 बजे से लेकर 10:48 बजे तक रहेगा। इस अवधि में की गई पूजा-अर्चना और स्नान-दान का विशेष महत्व होता है। कहा जाता है कि इस काल में दान करने से विशेष फल प्राप्त होता है।
गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति।
नर्मदे सिन्धु कावेरी जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु।।
ॐ अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोपि वा।
य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स: बाह्याभंतर: शुचि:।।
मान्यताओं के अनुसार, मकर संक्रांति पर पवित्र नादियों में स्नान का और दान का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने के बाद दान-दक्षिणा देने से अश्वमेध यज्ञ और गाय दान करने के समान शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस दिन दीन, हीन और निर्धन लोगों को दान देने से सुख-शांति की प्राप्ति होती है साथ ही भगवान सूर्य सभी कार्यों में सफल होने का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
पौराणिक कहानियों में मकर संक्रांति के पावन अवसर पर दीन-दु:खी लोगों तथा निर्धन ब्राह्मणों को दान देने का बड़ा महत्व है। इस दिन दान करने से व्यक्ति का सम्पूर्ण जीवन खुशियों से परिपूर्ण होता है और उसके ऊपर भगवान सूर्य की विशेष कृपा होती है। मकर संक्रांति पर दिए गए दान का फल अक्षय होता है, जो कभी समाप्त नहीं होता। मकर संक्रांति के पुण्यदायी अवसर पर निम्नलिखित चीजों का दान करे-
अन्न और भोजन : अन्न और भोजन का दान करना मकर संक्रांति पर बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन खिचड़ी का दान जरूर करें, इससे घर में सुख और शांति का वास होता है। खिचड़ी के साथ ही इस दिन तिल और गुड़ के दान का भी विशेष महत्व है। मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर तिल और गुड़ का दान करने से धन लाभ होता है और मान-सम्मान में वृद्धि होती है। इस दिन अनाज का दान करना भी बेहद अच्छा माना गया है। मकर संक्रांति के पर्व पर किसी गरीब को भोजन करवाएं, इससे आपके ऊपर मां अन्नपूर्णा की कृपा होगी।
वस्त्र दान : मकर संक्रांति के पावन अवसर पर वस्त्र दान भी विशेष महत्व है। कहा जाता है कि इस दिन दीन, दु:खी, निर्धन लोगों तथा गरीब ब्राह्मणों को नए वस्त्र, कंबल और स्वेटर का दान करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में समस्याएं समाप्त होती हैं और सुखमय जीवन का मार्ग प्रशस्त होता है।
प्रश्न: मकर संक्रांति 2025 कब मनाई जाएगी?
उत्तर: साल 2025 में मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी।
प्रश्न: मकर संक्रांति पर स्नान कहां करना चाहिए?
उत्तर: मकर संक्रांति पर पवित्र जल स्त्रोतों में स्नान करना चाहिए।
प्रश्न: मकर संक्रांति पर किन चीजों का दान करना चाहिए?
उत्तर: मकर संक्रांति पर अन्न और वस्त्र का दान करना चाहिए?
प्रश्न: मकर संक्रांति पर किसका आशीर्वाद प्राप्त होता है?
उत्तर: मकर संक्रांति पर सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।