हिन्दू परंपरा में सावन माह भगवान शिव के लिए समर्पित माना जाता है। सावन माह के दौरान भगवान शिव की पूजा और आराधना की जाती है। इस समय वातावरण में प्रकृति की अलग ही छटा देखने को मिलती है। मानसून अपने चरम पर होता है और धरती हरियाली की चादर ओढ़ लेती है। भारतीय परंपरा में यह पर्व प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। हरियाली अमावस्या हर वर्ष श्रावण मास में मनाई जाती है। इसलिए इसे श्रावण अमावस्या भी कहा जाता है।
हरियाली अमावस्या 2024 तिथि और शुभ मुहूर्त
साल 2024 में हरियाली अमावस्या की शुरुआत 3 अगस्त को सायं 3 बजकर 50 मिनट पर होगी। साथ ही इसका समापन अगले दिन 4 अगस्त को सायं 4 बजकर 42 मिनट पर होगा। हिन्दू धर्म में उदयातिथि का महत्व है इसलिए हरियाली अमसवया 4 अगस्त को मनाई जाएगी।
हरियाली अमावस्या का महत्व
सावन माह में हरियाली अमावस्या विशेष पुण्यकारी मानी जाती है। इस दिन स्नान तथा दीन-हीन, असहाय लोगों को दान देने से साधकों को पितृ दोष, कालसर्प दोष और शनि दोष से मुक्ति मिलती है। इस अमावस्या पर पौधे लगाना बेहद शुभ माना जाता है। साथ ही इस दिन पीपल के वृक्ष की जड़ पर दूध और जल अर्पित किया जाता है। इससे साधकों को देवताओं और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
हरियाली अमावस्या का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और प्रकृति के प्रति आदर और आभार व्यक्त करना है। यह पर्व हमें याद दिलाता है कि हम प्रकृति के ऋणी हैं और हमें उसे संरक्षित करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।
हरियाली अमावस्या पर करवाएं रुद्राभिषेक
कहा जाता है कि हरियाली अमावस्या के दिन बुरी शक्तियों से बचने के लिए भगवान शिव की पूजा अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है। ऐसे में इस दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक करवाने का बड़ा महत्व है। इस दिन रुद्राभिषेक करवाने से साधक को भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
अमावस्या पर दान का महत्व
भारतीय संस्कृति में दान मनुष्य का अभिन्न अंग है। दान केवल संपत्ति का नहीं, बल्कि समय, ज्ञान, और संसाधनों का भी हो सकता है। दान समाज में एकता और सहयोग की भावना को बढ़ावा देता है। इससे दानकर्ता को संतोष और आंतरिक शांति मिलती है, जबकि जरूरतमंदों को सहायता प्राप्त होती है।
दान के महत्व को विभिन्न शास्त्रों में भी वर्णित किया गया है। श्रीमद्भगवद गीता में श्रीकृष्ण ने कहा है:
“यज्ञदानतप: कर्म न त्याज्यं कार्यमेव तत्।”
अर्थात, यज्ञ, दान और तप ये कर्म त्यागने योग्य नहीं हैं, इन्हें अवश्य करना चाहिए।
इसके अलावा एक अन्य श्लोक में दान की महत्ता को इस प्रकार दर्शाया गया है:
अन्नदानं परं दानं बहुधा न श्रियं लभेत।
तस्मात् सर्वप्रयत्नेन अन्नं दातव्यं कृतात्मना॥
अर्थात् अन्नदान सबसे श्रेष्ठ दान है, इसके द्वारा व्यक्ति महान समृद्धि प्राप्त करता है। इसलिए हर संभव प्रयास से अन्न का दान अवश्य करना चाहिए।
हरियाली अमावस्या पर करें इन चीजों का दान
हरियाली अमावस्या पर दान का बड़ा महत्व माना जाता है। कहा जाता है कि इस शुभ दिन पर अन्न और भोजन का दान सर्वोत्तम है। हरियाली अमावस्या के पुण्यकारी अवसर पर नारायण सेवा संस्थान के दीन-हीन, असहाय, निर्धन बच्चों को भोजन दान करने के प्रकल्प में सहयोग करके पुण्य के भागी बनें।
प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):-
प्रश्न: हरियाली अमावस्या 2024 कब है?
उत्तर: हरियाली अमावस्या 4 अगस्त 2024 को है।
प्रश्न: हरियाली अमावस्या पर किन लोगों को दान देना चाहिए?
उत्तर: हरियाली अमावस्या पर ब्राह्मणों तथा दीन-हीन, असहाय निर्धन लोगों को दान देना चाहिए।
प्रश्न: हरियाली अमावस्या पर दिन किन चीजों का दान करना चाहिए?
उत्तर: हरियाली अमावस्या के शुभ अवसर पर अन्न, भोजन, फल आदि दान में देना चाहिए।