खरमास एक पवित्र अवधि है जिसमें आध्यात्मिक विकास, दान-पुण्य, और आत्म-चिंतन पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। इस दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए, जैसे कि सात्विक आहार लेना, दान करना, और आध्यात्मिक प्रथाओं का अभ्यास करना।
भारतीय संस्कृति में अमावस्या का दिन अत्यंत पवित्र और आध्यात्मिक महत्व रखता है। यह दिन हमें आत्म-विश्लेषण, शांति और ईश्वर की आराधना का अवसर देता है। सालभर की अमावस्याओं में पौष अमावस्या का एक विशेष स्थान है।
हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है। इसे सभी व्रतों में श्रेष्ठ माना गया है। एकादशी के व्रत से मनुष्य को न केवल सांसारिक सुख-सुविधाएं मिलती हैं, बल्कि मोक्ष का मार्ग भी प्रशस्त होता है। इन्हीं एकादशियों में से एक है सफला एकादशी, जो पौष मास के कृष्ण पक्ष के ग्यारहवें दिन मनाई जाती है।
खरमास 2025: 16 दिसंबर से शुरू – शुभ कार्य क्यों रुकते हैं? सूर्य देव की गधे वाली पौराणिक कथा, सूर्य अर्घ्य, दान और आत्म-साधना के खास उपाय जानें।
अधिक मास और खरमास हिंदू कैलेंडर के दो महत्वपूर्ण महीने हैं। अधिक मास भगवान विष्णु को समर्पित है और आध्यात्मिक विकास के लिए शुभ माना जाता है, जबकि खरमास में शुभ कार्य वर्जित होते हैं और इसे आत्मनिरीक्षण के लिए समर्पित किया जाता है। दोनों अवधियों में दान का विशेष महत्व है।
मोक्षदा एकादशी 2025: 1 दिसंबर को मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी पर भगवान विष्णु का व्रत रखें, मोक्ष प्राप्ति के लिए शुभ मुहूर्त व पूजा विधि जानें।
नारायण सेवा संस्थान जापानी 3D तकनीक से निःशुल्क कृत्रिम अंग प्रदान करता है। 3D स्कैनिंग, AI डिज़ाइन व प्रिंटिंग द्वारा दिव्यांगों को स्वतंत्रता व आत्मविश्वास — सब कुछ शून्य लागत पर।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा को धर्म, दान और उपासना के लिए अत्यधिक शुभ माना जाता है। जानें 2025 में इसकी सही तिथि, शुभ मुहूर्त और 32 गुना फल देने वाले दान-पुण्य का महत्व।
सुकून भरी सर्दी में सहयोग करें – नारायण सेवा के साथ 50,000 स्वेटर-कंबल जरूरतमंदों तक पहुँचाएँ। आपका एक दान मासूम बच्चों व बेघरों की ठिठुरन मिटाकर सम्मान व गर्माहट देगा – अभी जुड़ें!
मार्गशीर्ष अमावस्या हिंदू धर्म में विशेष महत्व का दिन है। यह दिन भगवान विष्णु की पूजा, आत्मशुद्धि और दान-पुण्य के कार्यों के लिए समर्पित है। मार्गशीर्ष माह का उल्लेख स्वयं भगवान श्री कृष्ण ने भगवद् गीता में किया है।
वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में भारत ने 6 स्वर्ण सहित रिकॉर्ड 22 मेडल जीतकर इतिहास रचा। यह सफलता सरकारी समर्थन और खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत का परिणाम है, जो देश में पैरा खेलों के उत्थान का प्रतीक है।
उत्पन्ना एकादशी, माघशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को मनाई जाती है। 15 नवंबर 2025 को यह पर्व भगवान विष्णु की भक्ति, व्रत और दान के माध्यम से आत्मिक शांति और पुण्य अर्जन का अवसर प्रदान करता है। जानें शुभ मुहूर्त और दान का महत्व।