देवउठनी एकादशी के अगले दिन द्वादशी तिथि पर तुलसी और शालिग्राम (भगवान विष्णु) का विवाह करना एक पवित्र परंपरा है, जिसे तुलसी विवाह के नाम से जाना जाता है। यह अनुष्ठान न केवल धार्मिक है, बल्कि इसमें प्रकृति और जीवन के प्रतीकात्मक संदेश भी निहित हैं।
हिंदू पंचांग में कार्तिक मास को वर्ष का सबसे पवित्र महीना माना गया है। यह महीना न केवल धार्मिक आस्था से जुड़ा है, बल्कि जीवन और आत्मिक शुद्धि का भी प्रतीक है। इस बार कार्तिक मास 8 अक्टूबर से प्रारंभ होकर 5 नवंबर 2025 तक रहेगा।
आगामी विजयादशमी पर नारायण सेवा संस्थान अपना 41वाँ स्थापना दिवस मनाने जा रहा है। नारायण सेवा संस्थान सिर्फ एक संस्था नहीं है अपितु यह समाज में अलग थलग रह रहे दिव्यांग लोगों को नया जीवन देने के मिशन में कार्य कर रहा
कार्तिक पूर्णिमा का पर्व हिंदू धर्म में बेहद पवित्र माना जाता है। इसे कार्तिक मास के आखिरी दिन मनाया जाता है। कार्तिक पूर्णिमा का पर्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण होता है।
देवउठनी एकादशी चार महीने की लंबी अवधि चातुर्मास के अंत का प्रतीक है। इस दिन भक्तों द्वारा इस जगत के पालनहार भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है।
नरक चतुर्दशी, जिसे रूप चौदस या छोटी दीपावली भी कहते हैं, 19 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी। यह पर्व अंधकार से उजाले की ओर ले जाता है। भगवान श्रीकृष्ण द्वारा नरकासुर के वध की कथा, अभ्यंग स्नान, दीपदान और रंगोली जैसे रीति-रिवाज इस दिन को विशेष बनाते हैं। घर के द्वार, पूजा स्थान, रसोई और तुलसी के निकट दीप जलाकर सुख-समृद्धि की कामना करें।
धनतेरस हिन्दू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जिसे धन त्रयोदशी या धन्वंतरि त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व दीपावली के पांच दिनों के महापर्व का प्रथम दिन होता है।
भारतवर्ष में अनेक त्यौहार मनाए जाते हैं, लेकिन दीपावली का अपना एक विशेष स्थान है। यह न केवल हिंदू धर्म का प्रमुख त्यौहार है, बल्कि भारतीय संस्कृति और समाज में इसकी जड़ें गहरी हैं।
कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को रमा एकादशी कहा जाता है। कहा जाता है कि इस एकादशी का व्रत करने से जीवन में आने वाली सभी आर्थिक कठिनाइयों का समाधान होता है और साथ ही मोक्ष की प्राप्ति होती है। रमा एकादशी को रंभा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।
लाभ पंचमी, जिसे लाखेनी पंचमी और सौभाग्य पंचमी के नाम से भी जाना जाता है, एक सार्थक हिंदू त्यौहार है जिसे भक्ति, कृतज्ञता और देने की भावना के साथ मनाया जाता है।
भाई दूज 2025, 23 अक्टूबर को मनाया जाएगा, जो भाई-बहन के बंधन को तिलक और आशीर्वाद के साथ सम्मानित करता है। इसके शुभ मुहूर्त और सांस्कृतिक महत्व को जानें।
गोवर्धन पूजा 22 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी, जो प्रकृति और गौ माता के प्रति आभार का पर्व है। यह लेख तिथि, पूजा विधि, पौराणिक कथा और सावधानियों की जानकारी देता है।