आषाढ़ अमावस्या दान-पुण्य व पितरों की आत्मा की शांति के लिए किए जाने वाले धार्मिक कर्मों के लिए विशेष फलदायी मानी गई है। इस दिन पवित्र नदी और तीर्थ स्थलों पर स्नान-दान का कई गुना फल मिलता है। आषाढ़ महीने में पड़ने वाली इस अमावस्या के दिन ध्रुव योग और आर्द्रा नक्षत्र का संयोग बन रहा है।
योगिनी एकादशी 21 जून 2025 को मनाई जाएगी। भगवान विष्णु की पूजा और अन्न, वस्त्र, जल का दान कर मोक्ष पाएं। नारायण सेवा संस्थान के साथ अन्नदान करें।
ज्येष्ठ मास में पड़ने वाली इस पूर्णिमा को वट सावित्री पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन महिलायें अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं और बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं।
निर्जला एकादशी सनातन परंपरा में महत्वपपूर्ण एकादशी है जो भगवान विष्णु की आराधना के लिए समर्पित है। निर्जला एकादशी को ‘ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी’ के नाम से जाना जाता है। निर्जल शब्द का अर्थ होता है बिना जल के।
एनजीओ केवल स्वयंसेवा और मिशन वक्तव्यों तक सीमित नहीं होते। उनके पीछे एक भरोसेमंद फंडिंग स्रोत की आवश्यकता होती है। हर एनजीओ समाज में दीर्घकालिक परिवर्तन लाने का सपना देखता है, लेकिन किसी भी सपने को पूरा करने के लिए धन की आवश्यकता होती है।
शनि अमावस्या 2025: 29 मार्च को शुभ मुहूर्त और सूर्य ग्रहण की स्थिति जानें। शनि देव की पूजा, दान और पितृ दोष से मुक्ति के उपाय। इस दिन का धार्मिक महत्व और दान की महिमा भी समझें।
ज्येष्ठ अमावस्या पर सूर्य देव, भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा करने तथा जरूरतमंदों और असहायों को दान देने से बहुत पुण्य मिलता है।
आज की दुनिया कई बड़ी चुनौतियों से घिरी है; कभी गरीबी, तो कभी पर्यावरण संकट। लेकिन इन सभी समस्याओं का एक सरल और असरदार समाधान हमारे पास है और वह है स्वयंसेवा।
हिन्दू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अपरा एकादशी के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की उपासना करने तथा दीन-हीन, असहाय लोगों को दान देने से साधक के सभी दुख और दर्द दूर हो जाते हैं। साथ ही जीवन में आ रही समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
भारत के युवाओं में असीम ऊर्जा और आगे बढ़ने की काबिलियत है। लेकिन आज भी हमारी शिक्षा व्यवस्था खासकर ग्रामीण इलाकों में कई चुनौतियों से जूझ रही है। वहां सरकारी सुविधाएं पर्याप्त नहीं हैं। स्कूलों में पक्की बिल्डिंग नहीं होती, न ही प्रशिक्षित शिक्षक। इस कारण बच्चे बेहतर पढ़ाई के लिए शहरों की ओर जाते हैं। लेकिन वहां भी शिक्षा हर किसी की पहुंच में नहीं होती, खासकर गरीब और निम्न आय वर्ग के बच्चों के लिए।
वैशाख पूर्णिमा सनातन धर्म में बेहद महत्वपूर्ण तिथि है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का बड़ा महत्व है। वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ ही दीन-हीन, असहाय लोगों को दान देने की भी परंपरा है।
सनातन परंपरा में मोहिनी एकादशी बेहद खास मानी जाती है। कहा जाता है कि इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन के सभी दु:ख दर्द दूर हो जाते हैं और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।