28 August 2025

Bhadrapada Purnima 2025: भाद्रपद पूर्णिमा की तिथि, शुभ मुहूर्त, और पूजा विधि

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हिन्दू पंचांग में आने वाला एक महत्वपूर्ण त्यौहार है- भाद्रपद पूर्णिमा। जो भाद्रपद मास के शुल्क पक्ष के अंतिम दिन मनाया जाता है। यह दिन धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन से ही श्राद्ध पक्ष का शुभारंभ होता है इसलिए सनातन धर्मावलंबियों के लिए यह पूर्णिमा बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है।

 

भाद्रपद पूर्णिमा 2025 तिथि और शुभ मुहूर्त

इसकी शुरुआत 7 सितंबर 2025 को रात्रि 1 बजकर 41 मिनट से होगी। जिसका समापन 7 सितंबर को ही रात्रि 11 बजकर 38 मिनट पर होगा। हिन्दू धर्म में उदयातिथि की मान्यता है ऐसे में भाद्रपद पूर्णिमा 7 सितंबर 2025 को मनाई जाएगी। 

 

भाद्रपद पूर्णिमा का महत्व 

भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष को मनाई जाने वाली भाद्रपद पूर्णिमा, भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित मानी जाती है। इस दिन व्रत रखने तथा दीन-दु:खी, निर्धन लोगों को दान देने से मन की शांति, पापों का नाश और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। भाद्रपद की पूर्णिमा से ही पितृ पक्ष की भी शुरुआत होती है।

इसलिए इस दिन स्नान-दान करने का विशेष महत्व है। माना जाता है कि पूर्णिमा के दिन गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से साधक के सभी पाप धुल जाते हैं और उसे पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।

 

दान का महत्व

सनातन परंपरा में दान देना पूजा और उपासना का अभिन्न अंग माना जाता है। वास्तव में, दान देने की परंपरा अनादिकाल से चली आ रही है। इसलिए, धार्मिक ग्रंथों एवं शास्त्रों में दान को मानव जीवन के अनिवार्य पहलुओं में शामिल किया गया है। उदाहरण के लिए, अगर पौराणिक ग्रंथों को देखा जाए, तो हिन्दू धर्म के विभिन्न ग्रंथों के श्लोकों में दान के महत्व का विस्तार से उल्लेख मिलता है।

किंतु, दान की महिमा तभी होती है, जब वह नि:स्वार्थ भाव से ऐसे व्यक्ति को दिया जाए, जिसे उसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। यदि कुछ पाने की लालसा में दान दिया जाता है, तो वह अपना पूर्ण प्रभाव नहीं छोड़ पाता और उसका पुण्य भी साधक को पूरी तरह से नहीं मिलता।

इसके अतिरिक्त, आपके द्वारा दिया गया दान अनेक हाथों से लौटकर आपके पास ही आता है। साथ ही, आपके द्वारा किए गए दान का फल इस जन्म में ही नहीं, बल्कि मृत्यु के बाद भी मिलता है। अतः, किसी भी त्यौहार या शुभ समय पर पात्र व्यक्तियों को नि:स्वार्थ भाव से पूरे मन के साथ श्रद्धापूर्वक दान करें। उल्लेखनीय है कि गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु द्वारा दान के महत्व को विस्तार से बताया गया है।

दान के महत्व का उल्लेख करते हुए पौराणिक ग्रंथों में कहा गया है- 

अल्पमपि क्षितौ क्षिप्तं वटबीजं प्रवर्धते ।

जलयोगात् यथा दानात् पुण्यवृक्षोऽपि वर्धते ॥

जमीन पर डाला हुआ छोटा सा वटवृक्ष का बीज, जैसे जल के योग से बढ़ता है, वैसे पुण्य रूपी वृक्ष भी दान से बढ़ता है।

 

भाद्रपद पूर्णिमा पर करें इन चीजों का दान

भाद्रपद पूर्णिमा पर दान का बड़ा महत्व माना जाता है। कहा जाता है कि इस पुण्यकारी अवसर पर अन्न और भोजन का दान सर्वोत्तम है। भाद्रपद मास की पूर्णिमा के पुण्यकारी अवसर पर नारायण सेवा संस्थान के दीन-हीन, निर्धन, दिव्यांग बच्चों को भोजन दान करने के प्रकल्प में सहयोग करके पुण्य के भागी बनें।

 

प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):-

 

प्रश्न: भाद्रपद पूर्णिमा 2025 कब है?

उत्तर: भाद्रपद पूर्णिमा 7 सितंबर 2025 को मनाई जाएगी।

प्रश्न: भाद्रपद पूर्णिमा पर किन लोगों को दान देना चाहिए?

उत्तर: भाद्रपद पूर्णिमा पर ब्राह्मणों तथा दीन-हीन, असहाय, निर्धन लोगों को दान देना चाहिए।

प्रश्न: भाद्रपद पूर्णिमा के दिन किन चीजों का दान करना चाहिए?

उत्तर: भाद्रपद पूर्णिमा के शुभ अवसर पर अन्न, भोजन, फल आदि दान में देना चाहिए।

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