02 May 2024

Akshaya Tritiya 2024: जानिए कब है, शुभ मुहूर्त, महत्व, और दान का महत्व

अक्षय तृतीया सनातन परंपरा में एक महत्वपूर्ण त्यौहार है जो हर कार्य की शुरुआत के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन नई चीजों को खरीदने का महत्व शास्त्रों में बताया गया है। अक्षय तृतीया  के शुभ दिन पर सोना चाँदी खरीदना बेहद शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन माँ लक्ष्मी की पूजा करने से विशेष पुण्य फल की प्राप्ति होती है।

 

अक्षय तृतीया का अर्थ (Akshaya Tritiya Meaning)

अक्षय तृतीया का मतलब  है ऐसी तिथि से है जिसका कभी भी क्षय नहीं होता या जो कभी खत्म नहीं होती। अक्षय  तृतीया के शुभ अवसर पर नया कार्य करना बेहद शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इस पुण्यदायी तिथि पर ब्राह्मणों तथा दीन-हीन, असहाय लोगों को दान देने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। 

 

अक्षय तृतीया का महत्व (Akshaya Tritiya Importance)

अक्षय तृतीया का धार्मिक महत्व कई मायनों में खास है। इस दिन को युगादि तिभि भी माना जाता है। अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान विष्णु ने परशुराम के रूप में धरती पर अवतार लिया था। महाभारत की कथा के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान कृष्ण ने युधिष्ठिर को अक्षय पात्र दिया था, जिसमें भोजन कभी भी समाप्त ही नहीं होता था। उस पात्र में बने भोजन से एक बार में वहां उपस्थित सभी लोग भोजन प्राप्त कर सकते थे। इसलिए द्रौपदी उस पात्र की सहायता से पांडवों के अतिरिक्त जरुरतमंद लोगों को भोजन कराती थीं। अक्षय तृतीया के दिन ही माँ गंगा का अवतरण इस धरती पर हुआ था और त्रेतायुग की शुरुआत हुई थी। इसलिए इस दिन को एक शुभ दिन माना जाता है।

 

अक्षय तृतीया कब है? (Akshaya Tritiya Kab Hai)

इस साल अक्षय तृतीया  10 मई को मनाई जाएगी। अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त  की शुरुआत सुबह 4 बजकर 17 मिनट पर होगी और इसका समापन 11 मई को रात्रि 2 बजकर 50 मिनट पर होगा। अक्षय तृतीया के दिन खरीदी का मुहूर्त 10 मई को सुबह 5 बजकर 33 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक है।

 

अक्षय तृतीया की पूजा विधि (Akshaya Tritiya Puja Vidhi)

  • अक्षय तृतीया के दिन प्रातः काल उठकर स्नानादि करने के उपरांत स्वच्छ वस्त्र धारण करें। हो सके तो लाल रंग के वस्त्र पहनें। 
  • एक चौकी में लाल कपड़ा बिछाकर मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की फोटो स्थापित करें।
  • कुमकुम व गोपी चंदन का तिलक लगाएं।
  • देवी लक्ष्मी को कमल का फूल और विष्णु जी को पीले फूलों की माला अर्पित करें।
  • विधि विधान के साथ पूजा करें। 
  • मखाने की खीर और पंचामृत का भोग लगाएं।
  • मन के साथ आरती करें। 
  • शुभ मुहूर्त को ध्यान में रखते हुए सोना-चांदी या फिर अपने क्षमता अनुसार वस्तुएं खरीदें।

 

दान का महत्व (Daan Ka Mahatva)

सनातन परंपरा के वेदों और उपनिषदों में अक्षय तृतीया पर दान के महत्व  का उल्लेख किया गया है। धर्म ग्रंथों के मुताबिक कुछ दान का फल इसी जन्म में मिल जाता है तो कुछ का फल अगले जन्म में मिलता है। गरुड़ पुराण में दान का उल्लेख करते हुए बताया गया है कि दान करने से लंबी उम्र मिलती है। 

 

दान के महत्व को बताते हुए मनुस्मृति में कहा गया है- 

 

तपः परं कृतयुगे त्रेतायां ज्ञानमुच्यते ।

द्वापरे यज्ञमेवाहुर्दानमेकं कलौ युगे ॥ 

 

अर्थात् सतयुग में तप, त्रेता में ज्ञान, द्वापर में यज्ञ और कलियुग में दान  मनुष्य के कल्याण का साधन है।

 

अक्षय तृतीया के दिन इन चीजों का करें दान 

अक्षय तृतीया के दिन निर्धन और जरुरतमंद बच्चों को भोजन कराना और उन्हें शिक्षित करने के लिए किसी भी तरह का दान करना भी बेहद पुण्यकारी माना जाता है। अक्षय तृतीया के इस शुभ अवसर पर नारायण सेवा संस्थान के भोजन दान, वस्त्र दान और शिक्षा दान के प्रकल्प में सहयोग करके पुण्य के भागी बनें। कहा जाता है कि इस दिन दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन अर्जित किए गए पुण्य का कभी क्षय नहीं होता है।

 

प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

 

प्रश्न: अक्षय तृतीया कब है?

उत्तर: अक्षय तृतीया 10 मई 2024 को मनाई जाएगी। 

 

प्रश्न: अक्षय तृतीया पर कौन से भगवान के पूजा करनी चाहिए

उत्तर: अक्षय तृतीया पर माँ लक्ष्मी सहित भगवान नारायण की पूजा करनी चाहिए।

 

प्रश्न: अक्षय तृतीया पर दान क्यों करना चाहिए?

उत्तर: अक्षय तृतीया पर दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन अर्जित किए गए पुण्य का कभी क्षय नहीं होता है। इसलिए इस दिन दान करने की विशेष महत्ता है। 

 

प्रश्न: अक्षय तृतीया पर किन चीजों का दान करना चाहिए?

उत्तर: अक्षय तृतीया के पुण्यकारी अवसर पर दीन-हीन, असहाय बच्चों को भोजन दान, वस्त्र दान और शिक्षा दान करना चाहिए।