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हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। यह कालखंड भाद्रपद पूर्णिमा से लेकर आश्विन अमावस्या तक रहता है। शास्त्रों में वर्णन है कि इस पुण्य समय में पितृ देव पृथ्वी पर अपने वंशजों के समीप आते हैं और उनसे तृप्ति की अपेक्षा रखते हैं।
गया जी, मोक्षदायिनी भूमि, जहां भगवान विष्णु और गयासुर की कथा आस्था को प्रेरित करती है। विष्णुपद मंदिर और पितृपक्ष मेला पितरों को मोक्ष प्रदान करते हैं।
यह शुभ दिन भगवान विष्णु की उपासना और भक्ति के लिए सर्वश्रेष्ठ होता है। हर एकादशी का अपना अलग महत्व और फल होता है। इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण एकादशी है ‘इंदिरा एकादशी’, जो पितृ पक्ष के दौरान आती है।