06 December 2023

इस दिन है साल की आखिरी अमावस्या, जानें स्नान-दान का महत्व

सनातन परंपरा में अमावस्या विशेष महत्व वाला त्यौहार है। दिसम्बर माह की अमावस्या 12 दिसम्बर को मनाई जाएगी जो साल 2023 की आखिरी अमावस्या होगी। जिसे कार्तिक अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस अमावस्या के दिन स्नान दान के साथ पूजा पाठ का विशेष महत्व माना जाता है। 

कार्तिक अमावस्या के बारे में कहा जाता है कि इस दिन धन की देवी माँ लक्ष्मी धरती पर विचरण के लिए आती हैं। इसलिए अमावस्या के दिन उनकी आराधना करने से भक्तों को माँ लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही इस दिन हनुमान जी और मंगल ग्रह की भी पूजा करने के विधान है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन महावीर और मंगल ग्रह की पूजा करने से जीवन की सारी परेशानियों से मुक्ति मिलती है। साथ ही कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर पूर्वजों के निमित्त किए गए उपायों से उनकी आत्मा को शांति मिलती है। 

 

कब है कार्तिक अमावस्या

इस साल कार्तिक अमावस्या 12 दिसम्बर को मनाई जाएगी। जिसका शुभ मुहूर्त 12 दिसम्बर को सुबह 6 बजकर 24 मिनट से शुरू होगा और अगले दिन 13 दिसम्बर को सुबह 5 बजकर 1 मिनट पर समाप्त होगा। पंडितों के अनुसार, इस बार की कार्तिक अमावस्या पर धृति योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने का चलन है। स्नान का मुहूर्त प्रातः 5 बजकर 15 मिनट से 6 बजकर 9 मिनट तक रहेगा।

 

कार्तिक अमावस्या का महत्व 

पौराणिक कथाओं के अनुसार, कार्तिक अमावस्या का सनातन परंपरा में विशेष महत्व है। यह दिन हनुमान जी, सूर्य देव, देवराज इंद्र और पितरों के लिए समर्पित माना जाता है। इस दिन धन की देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं। इसलिए इस दिन सभी भक्तगण देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए स्नान, दान, पूजा-पाठ, भजन – कीर्तन, हवन आदि करते हैं और रात में जागरण करते हुए उनकी आराधना करते हैं। 

 

कार्तिक अमावस्या पर जरूर करें ये काम 

कार्तिक अमावस्या का उल्लेख सबसे पहले भविष्य पुराण में आता है। जिसमें कहा गया है कि इस दिन चांद-तारों की मौजूदगी में सूर्योदय से पहले ही स्नान कर लेना चाहिए। इससे लोगों के ऊपर देवताओं की कृपा होती है। पापों का नाश होता है और सुख समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है। 

भविष्य पुराण के साथ ही कार्तिक अमावस्या का उल्लेख स्कन्दपुराण में भी है। जिसमें कहा गया है कि इस दिन श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ, दीपदान और अनाज का दान करना चाहिए। साथ ही तुलसी की पूजा करना चाहिए और भगवान विष्णु को तुलसी अर्पित करना चाहिए। इससे लंबी उम्र का आशीर्वाद मिलता है और घर में धन का आगमन होता है।

 

कार्तिक अमावस्या पर स्नान-दान का महत्व

हर अमावस्या की तरह कार्तिक अमावस्या पर स्नान-दान का विशेष महत्व है। पुराणों में कहा गया है कि इस दिन लोगों को पवित्र नदियों और सरोवरों में ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना चाहिए। साथ ही ब्राह्मणों, दीन दु:खी और असहाय लोगों को भोजन, अनाज और गर्म वस्त्रों का दान करना चाहिए। इस दिन दान करने से लोगों पर भगवान की कृपा होती है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।