उदयपुर में “राष्ट्रीय शारीरिक दिव्यांगता टी-20 चैम्पियनशिप” का आयोजन होने जा रहा है। गैर-सरकारी और गैर-लाभकारी संगठन नारायण सेवा संस्थान द्वारा आयोजित, यह चैंपियनशिप दिव्यांग लोगों को अपनी क्रिकेट प्रतिभा दिखाने के लिए एक मंच प्रदान करने के लिए तैयार है। 28 सितंबर से 8 अक्टूबर तक चलने वाला यह 10 दिवसीय टूर्नामेंट खेल और कौशल दिखाने का वादा करता है।
क्रिकेट के माध्यम से आएगी समावेशिता
भारत में क्रिकेट सिर्फ एक खेल से कहीं अधिक है; यह एक जुनून है जो देश को एकजुट करता है। हम लोग अक्सर मुख्यधारा क्रिकेट की सफलताओं का जश्न मनाते हैं और दिव्यांग खिलाड़ियों को नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन अब हमें मुख्यधारा क्रिकेट के साथ-साथ शारीरिक रूप से दिव्यांग प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को स्वीकार करना चाहिए और उनका समर्थन करना चाहिए। “राष्ट्रीय शारीरिक दिव्यांगता टी-20 चैंपियनशिप” समावेशिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो इस तथ्य को उजागर करती है कि क्रिकेट सभी के लिए एक खेल है, चाहे लोगों की शारीरिक सीमाएं कुछ भी हों।
दिव्यांगों के लिए बहुयामी प्रयास
दिव्यांग लोगों की सेवा के लिए समर्पित गैर-सरकारी और गैर-लाभकारी संगठन, नारायण सेवा संस्थान ने इस चैंपियनशिप को आयोजित करने की पहल की है। दिव्यांगता सशक्तिकरण और पुनर्वास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता सर्वविदित है, और यह आयोजन उनके अटूट समर्पण का एक और प्रमाण है।
ये टीमें लेंगी हिस्सा
इस “राष्ट्रीय शारीरिक दिव्यांगता टी-20 चैम्पियनशिप” में देश के 24 टीमें हिस्सा लेने जा रही हैं। इनमें मध्य प्रदेश, हरियाणा, विदर्भ, दिल्ली, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, हैदराबाद, कर्नाटक, मुंबई, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, बिहार, राजस्थान, गुजरात, पंजाब, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, गोवा, बड़ौदा, ओडिशा और उत्तराखंड की टीमें शामिल हैं।
मैदान में उतरेंगे 400 खिलाड़ी
क्रिकेट के इस महाकुंभ में 24 टीमों के 400 खिलाड़ी हिस्सा लेने जा रहे हैं। टूर्नामेंट को लेकर ये सभी खिलाड़ी आत्मविश्वास से लबरेज हैं और मैदान में अपना शत प्रतिशत देने के लिए तैयार हैं। खिलाड़ी दिव्यांग हो सकते हैं लेकिन खेल को लेकर उनके जुनून में कोई कमी नहीं है।
भारतीय दिव्यांग क्रिकेट परिषद से मिला समर्थन
भारतीय दिव्यांग क्रिकेट परिषद (डीसीसीआई) की मंजूरी “राष्ट्रीय शारीरिक दिव्यांगता टी-20 चैम्पियनशिप” के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। डीसीसीआई भारत में दिव्यांग क्रिकेट को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और इस टूर्नामेंट के लिए उनका समर्थन दिव्यांग क्रिकेटरों को सशक्त बनाने के लिए उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। डीसीसीआई के समर्थन से इस चैंपियनशिप को क्रिकेट समुदाय के भीतर और अधिक मान्यता और वैधता प्राप्त हुई है।
राजस्थान रॉयल्स होगी प्रायोजक
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की प्रमुख टीम राजस्थान रॉयल्स इस चैम्पियनशिप की प्रायोजक होगी। राजस्थान रॉयल्स एक प्रतिष्ठित टीम है जिसके पास एक मजबूत प्रशंसक आधार है। इस चैंपियनशिप में उनकी भागीदारी खेल के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
हरभजन सिंह होंगे ब्रांड एंबेसडर
चैंपियनशिप के ब्रांड एंबेसडर के रूप में पूर्व भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह को चुना जाना टूर्नामेंट की प्रामाणिकता और प्रतिष्ठा का प्रमाण है। हरभजन सिंह एक प्रतिष्ठित भारतीय क्रिकेटर हैं, जो अपनी उपलब्धियों के लिए जाने जाते हैं। वो समावेशिता के मुखर समर्थक भी रहे हैं। इसके लिए उन्होंने समय-समय पर अपनी आवाज बुलंद की है। ब्रांड एंबेसडर चुने जाने पर हरभजन सिंह ने ट्विटर के माध्यम से अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा, “आप निश्चित रूप से दूसरों को भी इस खूबसूरत खेल को खेलने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। मैं आप सभी का हिस्सा बनकर बहुत खुश हूं। भगवान सभी का भला करे।”
चुनौतियां और विजय
दिव्यांग क्रिकेटरों की यात्रा अनगिनत चुनौतियों से भरी हुई है। ये क्रिकेटर उन समस्याओं का सामना करते हैं जिनकी हममें से अधिकांश लोग शायद ही कल्पना कर सकते हैं, इसके बावजूद वे डटे रहते हैं। यह चैंपियनशिप उनके दृढ़ संकल्प और सफलता की कहानियों को साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करती है, जो हम सभी को चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरित करती हैं।
निष्कर्ष
ऐसी दुनिया में जहां दिव्यांग व्यक्तियों को कमतर आंका जाता है, वहां “राष्ट्रीय शारीरिक दिव्यांगता टी-20 चैंपियनशिप” आशा की एक नई उम्मीद पैदा करती है। नारायण सेवा संस्थान द्वारा आयोजित यह 10 दिवसीय टूर्नामेंट पूरे भारत के दिव्यांग खिलाड़ियों को एकजुट कर रहा है। क्रिकेट से परे यह टूर्नामेंट दिव्यांग एथलीटों को सशक्त बनाता है और लोगों को बाधाओं को तोड़ने के लिए प्रेरित करता है।