इस साल का आगामी खरमास 16 दिसम्बर 2023 से लगने जा रहा है। जो अगले साल 15 जनवरी 2024 तक चलेगा। सनातन परंपरा ने अनुसार खरमास के दौरान मुंडन संस्कार, यज्ञोपवीत संस्कार, नामकरण, गृह प्रवेश, गृह निर्माण, नए व्यापार का आरंभ, वधू प्रवेश, सगाई, विवाह जैसे कार्यों को करने की मनाही है। लेकिन कहा जाता है कि इस माह में दान पुण्य करने वालों को भगवान विष्णु और सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन तीर्थ स्थलों पर जाकर दान करने से भगवान प्रसन्न होते हैं। अगर कोई व्यक्ति तीर्थ स्थलों पर नहीं पहुंच पाता है तो उसकी जगह पर यदि कोई अन्य व्यक्ति उसके नाम से दान पुण्य करता है तब भी साधक को बराबर पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
खरमास के दौरान केले के दान का विशेष महत्व माना जाता है। केला भगवान विष्णु का प्रिय फल है। इसलिए इस माह में केले का दान करना चाहिए। केले का दान करने से घर में सकरात्मकता आती है और घर परिवार के लोगों के बीच प्रेम बढ़ता है।
खरमास के महीने में दीन दु:खी और असहाय लोगों को भोजन कराने से लोगो को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि इस दिन ब्राह्मणों और गरीबों को भोजन कराने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और धन-धान्य सहित आशीर्वाद प्रदान करती हैं।
खरमास के दौरान प्रत्येक गुरुवार को पीले रंग के वस्त्र और गर्म वस्त्र दान करने का विधान है। इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और भक्तों को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। लोगों के जीवन में हमेशा सुख समृद्धि बनी रहती है।
खरमास के दौरान चंदन और अनाज का दान करना भी बेहद शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन चंदन और अनाज का दान करने से भगवान विष्णु और सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है।
खरमास के महीने में नारियल का दान भी अत्याधिक शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इस माह में नारियल के दान से माँ लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और उनकी विशेष कृपा भक्तों के ऊपर होती है। घर परिवार में सुख शांति बनी रहती है।
खरमास के महीने में दीपदान का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि इस माह में दीपदान करने से भगवान प्रसन्न होते हैं। इस महीने प्रतिदन सुबह शाम घर के मंदिर में दीपक जलाना चाहिए। साथ ही भगवान से प्रार्थना करना चाहिए। इससे घर में आने वाली तमाम परेशानियां दूर होती हैं।