01 August 2025

Aja Ekadashi 2025: अजा एकादशी पर होगा पापों का नाश, जानिए शुभ मुहूर्त और दान का महत्व

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हिन्दू परंपरा में एकादशी बेहद महत्वपूर्ण त्यौहार है जो हर माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन मनाया जाता है। भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन पड़ने वाली एकादशी को अजा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की उपासना करने की मान्यता है। कहा जाता है कि अजा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने तथा दीन-दु:खी, निर्धन लोगों को दान देने से जीवन में सुख, समृद्धि और धन धान्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। ऐसी भी मान्यताएं हैं कि एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है। 

 

अजय एकादशी का महत्व

सनातन परंपरा में अजा एकादशी का विशेष महत्व माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस एकादशी पर व्रत रखने तथा दान देने वाला व्यक्ति सभी सांसारिक सुखों को भोगने के बाद विष्णुलोक को जाता है। भाद्रपद कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली यह एकादशी समस्त पापों का नाश करने वाली तथा अश्वमेघ यज्ञ के बराबर फल देने वाली मानी जाती है। इस दिन विधि विधान के साथ भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। 

इस एकादशी के बारे में बताते हुए भगवान कृष्ण ने युधिष्ठिर से कहा था, “अजा एकादशी पर व्रत रखकर विधि विधान से पूजा करने से व्यक्ति अपने सभी पापों से मुक्ति पा सकता है और मोक्ष की प्राप्ति कर सकता है।” इसलिए इस दिन व्रत रखकर पूरे मन के साथ भगवान नारायण की आराधना करने का का खास महत्व है। 

 

अजा एकादशी 2025 तिथि और शुभ मुहूर्त 

आजा एकादशी की शुरुआत 18 अगस्त 2025 को शाम 5 बजकर 22 मिनट से होगी। साथ ही इस एकादशी का समापन 19 अगस्त 2025 को सायं 3 बजकर 22 मिनट पर होगा। हिन्दू धर्म में उदयातिथि मान्य है, इसलिए यह एकादशी 19 अगस्त को मनाई जाएगी। 

 

अजय एकादशी पर दान का महत्व 

हिन्दू धर्म शास्त्रों में दान बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। सनातन संस्कृति को मानने वाले लोग सदियों से ही दान की महत्ता को समझते आ रहे हैं। लोग मन की शांति, मनोकामना पूर्ति, पुण्य की प्राप्ति, ग्रह-दोषों के प्रभाव से मुक्ति और भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए दान करते हैं। हिन्दू धर्म में दान का महत्व इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि कहा जाता है कि दान का लाभ सिर्फ जीते जी नहीं बल्कि मृत्यु के बाद भी मिलता है। लेकिन दान का पुण्य फल आपको तभी प्राप्त होता है, जब दान सही समय, सही तरीके और सच्चे मन के साथ पात्र व्यक्ति को दिया गया हो। 

 

दान के महत्व का उल्लेख करते हुए श्रीमद् भगवत गीता  में कहा गया है- 

 

दातव्यमिति यद्दानं दीयतेऽनुपकारिणे।

देशे काले च पात्रे च तद्दानं सात्त्विकं स्मृतम्।।

(जो दान कर्तव्य समझकर, किसी फल की आशा के बिना, उचित काल तथा स्थान में और आध्यात्मिक कार्यों में लगे पात्र व्यक्ति को दिया जाता है वही दान सात्विक माना जाता है।) 

 

अजा एकादशी पर करें इन चीजों का दान 

अन्य त्यौहारों की तरह अजा एकादशी पर भी दान का बड़ा महत्व माना जाता है। कहा जाता है कि इस शुभ दिन पर अन्न और भोजन का दान सर्वोत्तम है। इसलिए एकादशी के पुण्यकारी अवसर पर नारायण सेवा संस्थान के दीन-हीन, निर्धन, दिव्यांग बच्चों को भोजन दान करने के प्रकल्प में सहयोग करके पुण्य के भागी बनें।

 

प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):-

 

प्रश्न: अजा एकादशी 2025 कब है ?

उत्तर: अजा एकादशी 18अगस्त 2025 को है। 

 

प्रश्न: अजा एकादशी पर किन लोगों को दान देना चाहिए ?

उत्तर: अजा एकादशी पर ब्राह्मणों तथा दीन-दु:खी, निर्धन लोगों को दान देना चाहिए। 

 

प्रश्न: अजा एकादशी के दिन किन चीजों का दान करना चाहिए ?

उत्तर: अजा एकादशी के शुभ अवसर पर अन्न, भोजन, फल आदि दान में देना चाहिए।

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