दो आपरेशन बाद
बदली दिव्यांग विशाल के जीवन की दिषा

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सफलता की कहानी : विशाल

 

संस्थान ने कम्प्यूटर प्रषिक्षण देकर बनाया आत्मनिर्भर

 

उत्तरप्रदेश के रायबरेली जिले में वेल्ड़िग का कार्य कर परिवार का भरण-पोषण करने वाले शिवकुमार सिंह के छोटे बेटे विशाल सिंह (19) जन्म से ही पोलियों के शिकार होने से दोनों पांव कमजोर, घुटनों से मुड़े और पंजे से ऊपर की ओर उठे हुए थे। परिवार में माता-पिता व बच्चें-बच्चीयों सहित 6 सदस्यों का गरीबी के कारण भरण-पोषण भी बड़ी मुश्किल से हो रहा था, कि अब परिवार पर आसमान टूट पड़ा।

स्कूल आने -जाने में बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ता और सभी बच्चे मजाक बनाते थे। विकलांगता के चलते बच्चे के अनिच्छित भविष्य को देख माता-पिता के पास आँसू बहाने के सिवाय कुछ न था। उम्र के साथ विशाल की परेशानियां बढ़ती गई। बिना सहारे शरीर को संभालना उसके बस में न था। माता-पिता ने कर्ज लेकर आस-पास के अस्पतालों में इलाज करवाने की हर संभव कोशिश की लेकिन निराशा ही हाथ लगी। बड़े ड़ाॅक्टरों के अनुसार स्थिति में सुधार का एक मात्र विकल्प ऑपरेशन ही था। परिवार की गरीबी स्थिति के चलते ऑपरेशन का खर्च उठाने में असमर्थ थे। विशाल को भी अब विकलांगता से मुक्त होने की आस छूट गई।

पर कहते है ना की जब सब तरफ से रास्ते बन्द हो जाए और कहीं भी कुछ बचा न हो तब ईश्वर कोई न कोई रास्ता खोल ही देता है ऐसा ही कुछ हुआ। सितम्बर 2020 में सोशल मिड़िया पर नारायण सेवा संस्थान के निःशुल्क पोलियो सुधार ऑपरेशन व अन्य सेवा प्रकल्पों की जानकारी मिली, तब अन्धेरे में रोशनी की किरण दिखाई दी, संस्थान सम्पर्क कर माता-पिता बीना समय गवाए विशाल को उदयपुर स्थित संस्थान लाए, जहां ड़ाॅक्टरों द्वारा जाॅच कर 3 माह के उपचार बाद दोनों पैरों का सफल ऑपरेशन हुआ। सहारा लेकर चलने वाला विशाल अब कैलीपर लगा आराम से चलने लगा।

माता-पिता और भाई-बहिन बताते है, की लड़खड़ाते हुए को अपने पैरों पर खड़ा कर दिया। विशाल के ठीक होने से हमें जो खुशी मिली है वो हम बया नहीं कर सकते। साथ ही संस्थान ने रोजगार से जोड़ने हेतू जुलाई 2022 में तीन माह का निःशुल्क कम्प्यूटर प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाया, अब विशाल कम्प्यूटर ऑपरेटर का काम कर अपने व परिवार के रंगीन सपनो को सँवार परिवार का सहारा बनेगा।