05 April 2024

Somvati Amavasya 2024: इस दिन मनाई जाएगी चैत्र मास की सोमवती अमावस्या, जानिए स्नान-दान का महत्व और पूजा की विधि

हिन्दू धर्म में अमावस्या की तिथि बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। खास तौर पर चैत्र माह की  अमावस्या का अपना अलग ही महत्व होता है। यह अमावस्या इस बार सोमवार के दिन पड़ रही है, जिसके कारण इसे सोमवती अमावस्या कहा जा रहा है। इस दिन महिलायें सोमवती अमावस्या का व्रत रखकर पूजा करती हैं। सोमवती अमावस्या के शुभ अवसर पर भगवान की पूजा के साथ स्नान-दान का भी विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन लोग पवित्र नदी और सरोवरों में स्नान करते हैं तथा ब्राह्मणों और दीन-हीन, असहाय लोगों को दान देते हैं। 

 

कब है सोमवती अमावस्या 2024 

Somvati Amavasya Date: इस बार सोमवती अमावस्या (Shubh Muhurat) 8 अप्रैल 2024 को सोमवार के दिन पड़ रही है। अमावस्या का शुभ मुहूर्त तड़के 3 बजकर 11 मिनिट से शुरू होगा और उसी दिन रात्रि 11 बजकर 50 मिनट पर समाप्त होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, सोमवती अमावस्या 8 अप्रैल को मनाई जाएगी। इस दिन स्नान का शुभ मुहूर्त प्रातः 4 बजकर 32 मिनट से 5 बजकर 18 मिनट तक है। 

 

सोमवती अमावस्या का महत्व

Somvati Amavasya Mahatv: ज्योतिष शास्त्र में अमावस्या के दिन को बेहद पुण्यकारी और शक्तिशाली माना जाता है। यह दिन पूर्ण रूप से चंद्र देव की पूजा के लिए समर्पित है। यदि आपकी कुंडली में चंद्रमा की स्थिति कमजोर है तो निश्चित तौर पर यह दिन आपके लिए बेहद अच्छा है। इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने और भगवान की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

 

सोमवती अमावस्या पर सूर्य ग्रहण का संयोग

Surya Grahan 2024 Kab hai: सोमवती अमावस्या पर सूर्य ग्रहण का संयोग भी बन रहा है। लेकिन यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए सूर्य ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव भारतवर्ष में रह रहे लोगों पर नहीं होगा, इलसिए सूतक आदि मान्य नहीं किया जाएगा। सोमवती अमावस्या पर सूर्य ग्रहण का घटित होना भी एक दुर्लभ संयोग है। 

 

सोमवती अमावस्या पर पूजा विधि

Somvati Amavasya Puja Vidhi: सोमवती अमावस्या के दिन प्रातः उठें। इसके बाद पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजा का संकल्प लें। इस दिन महिलायें वट वृक्ष (बरगद के पेड़) की पूजा अवश्य करें। सबसे पहले वट वृक्ष को जल अर्पित करें, उसके बाद पुष्प और बेलपत्र चढ़ाएं, चंदन लगाएं उसके बाद दीपक जलाकर आरती करें। अंत में सफेद धागा लेकर 108 परिक्रमा लगाते हुए वट वृक्ष में कच्चा सूत पिरोएं।

 

वट वृक्ष की पूजा क्यों करती हैं महिलाएं?

Vat Savitri 2024 Puja: शास्त्रों में लिखा हुआ है कि जब भी सोमवार के दिन अमावस्या पड़ती है उस वट वृक्ष की पूजा करने से महिलाओं के सौभाग्य की रक्षा होती है और जो पूजा करता है उसे सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। 

 

सोमवती अमावस्या पर दान का महत्व 

सोमवती अमावस्या स्नान के साथ दान देने के लिए भी बेहद पुण्यकारी मानी जाती है। इस पवित्र दिन पर ब्राह्मणों तथा दीन-हीन, असहाय लोगों को दान देना बेहद पुण्यकारी माना जाता है। दान देने के महत्व का उल्लेख करते हुए गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरितमानस में कहा है- 

 

प्रगट चारि पद धर्म के कलि महुँ एक प्रधान। 

जेन केन बिधि दीन्हें दान करइ कल्यान॥

 

इस धरती पर धर्म के चार चरण हैं, जिनमें सत्य, दया, तप और दान हैं। इन चारो चरणों में से दान रूपी चरण ही प्रधान है। दान के द्वारा ही मनुष्य का कल्याण हो सकता है। 

 

सोमवती अमावस्या पर करें इन चीजों का दान 

सोमवती अमावस्या के शुभ अवसर पर अन्न और भोजन का दान सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इस पुण्यकारी दिन पर दीन-हीन, असहाय लोगों को अन्न का दान करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही व्यक्ति कल्याण के मार्ग पर आगे बढ़ जाता है। इसके साथ ही अमावस्या के इस अवसर पर वस्त्र और शिक्षा दान का भी विशेष महत्व है। इस दिन निर्धन बच्चों को शिक्षा से संबंधित सामग्री जैसे- कॉपी, किताब, पेंसिल, पेन, स्कूली बैग इत्यादि वितरित करें। यदि आप सक्षम हैं तो इस दिन किसी निर्धन बच्चे शिक्षित करने के लिए संकल्प लें। सोमवती अमावस्या के इस पुण्यकारी दिन पर नारायण सेवा संस्थान के भोजन दान, वस्त्र दान और शिक्षा दान के प्रकल्प में सहयोग करके पुण्य के भागी बनें।

 

प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

 

प्रश्न: चैत्र मास की सोमवती अमावस्या कब मनाई जाएगी?

उत्तर: चैत्र मास की सोमवती अमावस्या 8 अप्रैल 2024 को मनाई जाएगी। 

 

प्रश्न: किसी अमावस्या को सोमवती अमावस्या क्यों कहते हैं?

उत्तर: यदि कोई अमावस्या सोमवार के दिन मनाई जाती है तो उसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है।

 

प्रश्न: सोमवती अमावस्या का क्या महत्व है?

उत्तर: सोमवती अमावस्या शुभ फलों की प्राप्ति के लिए और सौभाग्य की रक्षा के लिए मनाई जाती है।