हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है। हर एकादशी किसी न किसी रूप में भक्ति, दान और तप का संदेश देती है। इन्हीं में से एक है पौष पुत्रदा एकादशी, जो पौष मास के शुक्ल पक्ष में आती है। इस एकादशी को संतान प्राप्ति की कामना के लिए और संतान के कल्याण हेतु बहुत शुभ माना गया है। इसका महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यह न केवल आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करती है, बल्कि गृहस्थ जीवन में सुख-शांति का वरदान भी देती है।
हिन्दू पंचांग के अनुसार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी की शुरुआत 9 जनवरी 2025 को दोपहर 12 बजकर 22 मिनट पर होगी। वहीं इसका समापन अगले दिन 10 जनवरी 2025 को सुबह 10 बजकर 18 मिनट पर होगा। हिन्दू धर्म में सूर्य उदय होने के साथ ही कोई शुभ काम किया जाता है ऐसे में उदयातिथि के अनुसार पौष पुत्रदा एकादशी 10 जनवरी को मनाई जाएगी।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, जो दंपत्ति संतान सुख की प्राप्ति चाहते हैं, उनके लिए पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत बेहद प्रभावी माना गया है। विष्णु पुराण और पद्म पुराण में इसका उल्लेख मिलता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने, व्रत रखने और दान-पुण्य करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है और संतान यदि पहले से है, तो उसका स्वास्थ्य और जीवन सुखमय होता है।
इस व्रत को करने वाले व्यक्ति को अपने मन, वचन और कर्म को शुद्ध रखना चाहिए। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और उपासना करने से हर कष्ट दूर होता है।
दान का महत्व केवल व्यक्तिगत सुख-शांति तक सीमित नहीं है, यह समाज और आध्यात्मिक उन्नति का साधन भी है। पौष पुत्रदा एकादशी के दिन दान को विशेष फलदायी माना गया है। भागवत पुराण में कहा गया है कि किसी भी शुभ दिन पर दान करने से व्यक्ति को अनंत पुण्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
धर्मग्रंथों में कहा गया है कि एकादशी के दिन ब्राह्मणों तथा दीन-हीन, असहाय, जरूरतमंदों को दान देने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। विशेष रूप से अन्न, वस्त्र और धन का दान अत्यंत फलदायी माना गया है।
शास्त्रों में कहा गया है:-
दानं हि धर्मफलसिद्धिरस्ति,
अतस्तस्मिन्हि पुत्रदा व्रते दानं शुभकरं।
अर्थात् दान से धर्म और पुण्य की सिद्धि होती है। पुत्रदा व्रत में दान अत्यंत शुभ फलदायक है।
दान करते समय भाव का शुद्ध होना सबसे जरूरी है। यदि दानकर्ता मन, वचन और कर्म से शुद्ध होकर दान करता है, तो एकादशी के दिन उसे भगवान का अनंत आशीर्वाद प्राप्त होता है।
पौष पुत्रदा एकादशी पर अन्न के दान को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इस दिन दान देकर नारायण सेवा संस्थान में दीन-दु:खी, निर्धन लोगों को भोजन कराने के प्रकल्प में सहयोग करके पुण्य के भागी बनें।
पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत जीवन को सफल और समृद्ध बनाता है। यह पवित्र दिन भगवान की भक्ति और दूसरों की सहायता के लिए उत्तम माना जाता है। इस शुभ दिन पर भगवान विष्णु की आराधना करें, व्रत रखें और जरूरतमंदों की सहायता करें। यह पर्व न केवल भौतिक सफलता, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति का भी मार्ग प्रशस्त करता है।
प्रश्न: पौष पुत्रदा एकादशी 2025 कब है?
उत्तर: साल 2025 में पौष पुत्रदा एकादशी 10 जनवरी को मनाई जाएगी।
प्रश्न: पौष पुत्रदा एकादशी कौन से भगवान के लिए समर्पित है?
उत्तर: पौष पुत्रदा एकादशी भगवान विष्णु के लिए समर्पित है।
प्रश्न: पौष पुत्रदा एकादशी पर किन चीजों का दान करना चाहिए?
उत्तर: पौष पुत्रदा एकादशी पर जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और भोजन का दान करना चाहिए।