31 दिसंबर की रात, जिसे नववर्ष की पूर्वसंध्या (न्यू ईयर ईव) कहा जाता है, पूरी दुनिया में उत्साह, उमंग और नई शुरुआत की उम्मीदों के साथ मनाया जाने वाला भव्य उत्सव है। इस दिन ज्यादातर देशों में सरकारी अवकाश रहता है ताकि लोग आयोजन में शामिल हो सकें। दुनिया के कई शहरों में इस रात का जश्न इतना भव्य होता है कि पूरा माहौल रंगारंग उत्सव में बदल जाता है।
न्यू ईयर ईव का इतिहास हजारों वर्षों पुराना है। इसकी जड़ें प्राचीन मेसोपोटामिया और बेबीलोन सभ्यता तक जाती हैं, जहां लगभग 4000 वर्ष पहले अकितु नामक उत्सव मनाया जाता था। यह उत्सव वसंत ऋतु में, फसल बोने के समय आयोजित होता था और 12 दिनों तक चलता था। इसमें धार्मिक अनुष्ठान, नाटक, उत्सव और नए राजा का राज्याभिषेक भी शामिल होता था।
रोमन काल में, 46 ईसा पूर्व जूलियस सीज़र ने जूलियन कैलेंडर लागू किया और 1 जनवरी को नए वर्ष का पहला दिन घोषित किया। यह दिन रोमन देवता जेनस को समर्पित था, जिनके दो चेहरे माने जाते थे, एक अतीत की ओर और दूसरा भविष्य की ओर। यहीं से नए वर्ष को पुराने वर्ष से विदा लेने और भविष्य की ओर बढ़ने का प्रतीकात्मक अर्थ मिला।
मध्यकालीन यूरोप में ईसाई धर्म के प्रभाव से न्यू ईयर को धार्मिक पर्व के रूप में मनाया जाने लगा। बाद में पोप ग्रेगरी XIII ने 1582 ईस्वी में ग्रेगोरियन कैलेंडर लागू कर 1 जनवरी को फिर से नए वर्ष का आरंभ घोषित किया, जिसे आज पूरी दुनिया मानती है।
19वीं शताब्दी के अंत तक नववर्ष की पूर्वसंध्या को परिवार और समाज के साथ उत्सव के रूप में मनाने की परंपरा मजबूत हुई। 1907 में पहली बार अमेरिका के न्यूयार्क स्थित टाइम्स स्क्वायर पर बॉल ड्रॉप हुई, जो आज विश्व प्रसिद्ध आयोजन बन चुका है। 12 फुट व्यास और लगभग 12,000 पाउंड वजनी क्रिस्टल बॉल, 60 सेकंड में नीचे उतरती है, लोग आखिरी 10 सेकेंड की उलटी गिनती गिनते हैं और जैसे ही घड़ी 12 बजाती है, नया साल शुरू हो जाता है। लोग एक दूसरे को नए साल की शुभकामनाएं देते हैं। लोग “ऑल्ड लैंग साइन” गाते हैं, जो एक पुराना स्कॉटिश गीत है, यह गाना बीते दिनों की विदाई की याद में गाया जाता है।
न्यूयॉर्क के अलावा लास वेगास, अटलांटा, लॉस एंजिल्स, ऑकलैंड, सिडनी, टोक्यो, सिंगापुर, दिल्ली, मुंबई, उदयपुर, दुबई, पेरिस, मास्को और लंदन जैसे शहरों में भी अनोखे आयोजन होते हैं। नव वर्ष की पूर्व संध्या पार्टियों, आतिशबाजी और मौज-मस्ती का समय होता है। लोग आधी रात तक जागकर नए साल का स्वागत करते हैं।
कई देशों में नए साल पर कई परंपराओं को शुभ माना जाता है। वहाँ के लोग जीवन में सौभाग्य लाने के लिए इनका कड़ाई से पालन करते हैं। कनाडा से सटे हुए अमेरिका के न्यू इंग्लैंड क्षेत्र में पत्ता गोभी को समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। अमेरिका के दक्षिणी राज्यों में काले चने से बने व्यंजनों विशेषकर “हॉपिन जॉन” को धन प्राप्ति और जीवन में पूर्णता का प्रतीक माना जाता है। शैम्पेन और केक को भी शुभ भोजन माना जाता है। इटालियन-अमेरिकी समुदाय में नए साल पर लाल अंडरवियर पहनना प्रेम और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। आधी रात को लोग नए साल का स्वागत करने के लिए सीटी, ब्लोअर जैसे शोर मचाने वाले यंत्रों का प्रयोग करते हैं। लोगों का मानना है कि ऐसा करने से बुरी किस्मत दूर भाग जाती है।
नववर्ष की पूर्वसंध्या इतिहास, परंपरा, उत्सव और नई उम्मीदों का संगम है। यह रात हमें बीते साल को धन्यवाद कहने, गलतियों से सीख लेने और नए साल को खुले दिल से अपनाने का अवसर देती है। यही कारण है कि 31 दिसंबर की रात, दुनिया भर में मुस्कान, रोशनी और आशा से जगमगा उठती है।