हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि अत्यंत शुभ और पुण्यकारी मानी जाती है। यह दिन विशेष रूप से गंगा स्नान, व्रत, ध्यान और दान करने से कई जन्मों के पाप कटते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
वैशाख पूर्णिमा का महत्व
शास्त्रों में कहा गया है कि वैशाख मास पुण्य देने वाला होता है। और इसकी पूर्णिमा तिथि तो वर्ष की सबसे पुण्यकारी रातों में से एक मानी गई है। इस दिन किया गया स्नान, जप, तप और दान अनंत गुना फल देता है। विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा इस दिन अत्यंत कल्याणकारी मानी जाती है।
पूर्णिमा पर दान की महिमा
सनातन धर्म के ग्रंथों में पूर्णिमा के दिन दान करने को विशेष महत्व दिया गया है। यह माना जाता है कि इस दिन किया गया थोड़ा सा भी दान कई गुना फल प्रदान करता है और जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि लाता है। शास्त्रों में दान का उल्लेख करते हुए कहा गया है—
तपः परं कृतयुगे त्रेतायां ज्ञानमुच्यते ।
द्वापरे यज्ञमेवाहुर्दानमेकं कलौ युगे ॥
अर्थात् सतयुग में तप, त्रेता में ज्ञान, द्वापर में यज्ञ और कलियुग में दान मनुष्य के कल्याण का साधन है।
दिव्यांगों और जरूरतमंदों को कराएं भोजन
इस वैशाख पूर्णिमा पर अपने जीवन को पुण्य से भरें और उन दिव्य आत्माओं की भूख मिटाएं जो असहाय, दीन-हीन और दिव्यांग हैं। इस दिन भोजन कराना केवल एक कर्म नहीं, बल्कि करुणा, सेवा और आत्मिक उन्नति का प्रतीक है।