04 May 2025

शिक्षा के लिए आपके दान की शक्ति: नारायण सेवा संस्थान का शिक्षा अभियान

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कहते हैं, “अगर किसी बच्चे को किताब और कलम मिल जाए, तो वह अपना भविष्य खुद लिख सकता है।” यही भावना नारायण सेवा संस्थान के शिक्षा सेवा की आत्मा है। दिव्यांगजनों की सेवा से लेकर निर्धन, असहाय और दीन-हीन बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने तक, यह संस्थान समाज को उस दिशा में आगे बढ़ा रहा है जहाँ अवसर सभी के लिए समान हों। इसी पवित्र उद्देश्य से उदयपुर में स्थापित किया गया है नारायण चिल्ड्रन एकेडमी, एक ऐसा विद्यालय जहाँ शिक्षा केवल ज्ञान नहीं, बल्कि जीवन बदलने का माध्यम बनती है।

 

नारायण चिल्ड्रन एकेडमी

उदयपुर के शांत वातावरण में स्थित नारायण चिल्ड्रन एकेडमी, नारायण सेवा संस्थान का एक उत्कृष्ट शिक्षा प्रकल्प है। यह अंग्रेज़ी माध्यम का आधुनिक डिजिटल स्कूल है, जहाँ समाज के उन बच्चों को पढ़ाया जाता है जिनके माता-पिता आर्थिक अभाव के कारण अपने बच्चों को स्कूल भेजने में असमर्थ हैं।

संस्थान का मानना है कि हर बच्चा विशेष है, बस उसे एक अवसर की आवश्यकता है। इसी सोच के तहत यह विद्यालय पूरी तरह नि:शुल्क शिक्षा प्रदान करता है— न कोई फीस, न कोई अतिरिक्त बोझ। बच्चों को यहाँ सिर्फ किताबें नहीं, बल्कि एक उज्जवल भविष्य का मार्गदर्शन मिलता है।

 

सुविधाओं से भरपूर आधुनिक विद्यालय

नारायण चिल्ड्रन एकेडमी किसी साधारण स्कूल की तरह नहीं, बल्कि एक स्मार्ट लर्निंग सेंटर की तरह है। यहाँ 650 से अधिक बच्चे वर्तमान में अध्ययनरत हैं। विद्यालय का हर कोना बच्चों की रचनात्मकता और आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है।

डिजिटल क्लासरूम: हर कक्षा में डिजिटल बोर्ड की व्यवस्था है, जिससे पढ़ाई इंटरैक्टिव और रोचक बनती है।

कंप्यूटर लैब: तकनीकी युग के अनुरूप बच्चों को कंप्यूटर शिक्षा दी जाती है ताकि वे डिजिटल दुनिया से जुड़ सकें।

खेल का मैदान: शिक्षा के साथ खेल और शारीरिक गतिविधियाँ बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए ज़रूरी हैं, और यहाँ इसका पूरा ध्यान रखा जाता है।

नाट्य सभागार: विद्यालय में एक सुंदर सभागार है जहाँ बच्चों की नृत्य, नाट्य और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ आयोजित की जाती हैं — जिससे उनमें आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता का विकास होता है।

यह सब कुछ बच्चों को पूरी तरह नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाता है। किताबें, यूनिफॉर्म, स्टेशनरी, और यहां तक कि स्कूल आने-जाने की बस सेवा भी।

 

नि:शुल्क बस सुविधा

कई बच्चे ऐसे क्षेत्रों से आते हैं जहाँ स्कूल तक पहुंचना भी एक चुनौती होती है। नारायण चिल्ड्रन एकेडमी ने इस समस्या का समाधान नि:शुल्क बस सुविधा के माध्यम से किया है। ये स्कूल बसें शहर और आस-पास के ग्रामीण इलाकों से बच्चों को सुरक्षित तरीके से विद्यालय तक पहुंचाती हैं। इस व्यवस्था ने उन माता-पिता के चेहरे पर मुस्कान ला दी है, जो पहले सोचते थे कि लंबी दूरी और यात्रा व्यय के कारण उनका बच्चा कभी स्कूल नहीं जा पाएगा।

 

अभिभावक-शिक्षक संवाद

विद्यालय में नियमित अभिभावक-शिक्षक मीटिंग्स आयोजित की जाती हैं, जहाँ बच्चे की प्रगति, व्यवहार और प्रतिभा पर चर्चा होती है। इस संवाद के माध्यम से अभिभावक भी बच्चों की शिक्षा में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। नारायण चिल्ड्रन एकेडमी का उद्देश्य केवल बच्चों को पढ़ाना नहीं, बल्कि परिवारों में शिक्षा के प्रति जागरूकता पैदा करना भी है।

 

खेल, नृत्य और नाट्य

यहाँ बच्चों को केवल किताबों तक सीमित नहीं रखा जाता। विद्यालय में नियमित रूप से खेलकूद प्रतियोगिताएं, नृत्य, गायन और नाट्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन आयोजनों में बच्चे अपनी छिपी प्रतिभा को पहचानते हैं, टीम भावना सीखते हैं और आत्मविश्वास से भर उठते हैं। संस्थान का मानना है कि शिक्षा तभी पूर्ण है जब उसमें आनंद और अभिव्यक्ति हो। इसलिए यहाँ हर त्यौहार, हर अवसर को एक उत्सव की तरह मनाया जाता है,चाहे वह स्वतंत्रता दिवस हो, गणतंत्र दिवस, बसंत पंचमी, नवरात्रि, दीवाली या होली।

 

आपके दान की शक्ति

नारायण सेवा संस्थान का यह शिक्षा प्रकल्प किसी सरकारी अनुदान से नहीं, बल्कि आप जैसे दानवीर सज्जनों के सहयोग से संचालित होता है। जब कोई दानी भामाशाह इस सेवा प्रकल्प से जुड़ता है, तो वह सिर्फ सहयोग नहीं करता, बल्कि किसी बच्चे के जीवन में प्रकाश की किरण जगाता है। आपके दान से वह बच्चा जो कभी स्कूल का दरवाज़ा तक नहीं देख पाया, आज डिजिटल क्लास में बैठकर अंग्रेज़ी, गणित और विज्ञान सीख रहा है। आप जैसे दानवीरों के सहयोग से संस्थान ने सैकड़ों ऐसे बच्चों की ज़िंदगी बदली है जिनके लिए शिक्षा पहले एक सपना थी।

 

जीवन में बदलाव

हर दिन नारायण चिल्ड्रन एकेडमी के गलियारों में सैकड़ों मासूम मुस्कानें खिलती हैं। किसी के हाथ में पहली बार पेंसिल होती है, तो कोई पहली बार अंग्रेज़ी में अपना नाम लिखता है। इन छोटी-छोटी खुशियों में छिपा है भविष्य का बड़ा परिवर्तन। एक समय जो बच्चे सड़कों पर काम करते या घर के कामों में लगे रहते थे, आज वही बच्चे डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक बनने के सपने देख रहे हैं। उनकी यह उड़ान संभव हुई है क्योंकि किसी ने उनके लिए दान किया, किसी ने उन पर विश्वास दिखाया है।

नारायण सेवा संस्थान का शिक्षा अभियान इस बात का प्रमाण है कि सच्ची सेवा वही है जो किसी की ज़िंदगी को दिशा दे। नारायण चिल्ड्रन एकेडमी जैसे विद्यालय केवल पढ़ाई का केंद्र नहीं, बल्कि उम्मीद की पाठशाला हैं।

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