नववर्ष की पूर्वसंध्या (31 दिसंबर) दुनिया भर में उत्साह, आतिशबाजी और नई उम्मीदों के साथ मनाया जाने वाला उत्सव है, जिसका इतिहास प्राचीन बेबीलोन से टाइम्स स्क्वायर बॉल ड्रॉप तक फैला है।
पौष पूर्णिमा, जिसे शाकम्भरी पूर्णिमा भी कहते हैं, पवित्र स्नान और दान-पुण्य के लिए विशेष महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन शाकम्भरी देवी व भगवान विष्णु की पूजा, अन्न दान और चंद्रमा को अर्घ्य देने से आत्मिक शुद्धि, समृद्धि एवं पुण्य की प्राप्ति होती है।
वर्ष 2026 में मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा। इस दिन पुण्य काल दोपहर 03:13 बजे से शुरू होकर शाम तक रहेगा, जिसमें स्नान-दान और सूर्य पूजा से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।