02 February 2024

मौनी अमावस्या : दान का महत्व और धार्मिक मान्यताएं

मौनी अमावस्या हिन्दू परंपरा में एक महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। इस साल की मौनी अमावस्या 9 फ़रवरी को मनाई जाएगी। कहा जाता है कि इस दिन मौन धारण करने से आध्यात्मिक विकास होता है। इसी कारण इसे मौनी अमावस्या कहते हैं। मौनी अमावस्या को मनु ऋषि के जन्म दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। 

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या पर दिया गया दान अक्षय पुण्य देने वाला होता है। साथ ही इस अमावस्या पर निर्धन लोगों को भोजन कराने से पितरों को तृप्ति मिलती है।

 

मौनी अमावस्या का महत्व

सनातन परंपरा में माघ महीना बेहद पवित्र माह माना जाता है। कहा जाता है कि मौनी अमावस्या पर जो भी भक्त व्रत करता है और निर्धन तथा असहाय लोगों को दान देता है उसके सभी तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। साथ ही सभी प्रकार की मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। मौनी अमावस्या पर स्नान-दान और पूजा-पाठ के साथ ही उपवास रखने से भगवान ब्रह्मा, इंद्र, सूर्य, अग्नि, वायु और ऋषि समेत भूत प्राणी भी तृप्त होकर प्रसन्न होते हैं। इस दिन पितरों को अर्घ्य देना और पितृ तर्पण करना शुभ माना जाता है। 

 

मौनी अमावस्या पर करें ये काम 

इस दिन सुबह प्रातः काल में उठकर पवित्र नदी या कुंड में स्नान करें। यदि नदी में न जा पाएं तो घर में पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करके सूर्य भगवान को अर्घ्य दें और पीपल के पेड़ और तुलसी की पूजा करने के बाद परिक्रमा लगाएं। इस दिन पितरों की शांति के लिए उपवास रखें और जरुरतमंद लोगों को दान दें। मौनी अमावस्या पर सूर्यनारायण को अर्घ्य देने से घर की दरिद्रता दूर होती है। 

 

दान का महत्व 

सनातन परंपरा में दान बेहद पुनीत काम माना गया है। कहा जाता है कि असहाय लोगों की सहायता करने से दानवीर को पुण्य प्राप्त होता है और उसकी सभी प्रकार की मनोकामनायें पूर्ण होती हैं। दान के महत्व के बारे में श्रीमद्भागवत महापुराण में कहा गया है-

 

दानं सर्वपापघ्नं सर्वसुखप्रदायकम्।

दानं परमं तपः दानं मोक्षसाधनम्।।

 

अर्थात् दान सभी पापों का नाश करता है और सभी सुखों को प्रदान करता है। दान ही सबसे उत्तम तप है और दान ही मोक्ष का साधन है।

 

मौनी अमावस्या पर करें ये दान 

अन्न और भोजन दान :  हिन्दू धर्म में अन्न और भोजन दान को बेहद पुनीत माना जाता है। कहा जाता है कि मौनी अमावस्या पर निर्धन लोगों को भोजन कराने से कभी न समाप्त होने वाले पुण्य फल की प्राप्ति होती है और पूर्वजों की आत्मा तृप्त होती है। साथ ही भोजन कराने वाले दानवीर के ऊपर मां अन्नपूर्णा की कृपा बनी रहती है। मौनी अमावस्या के पुण्यकारी दिन पर दीन, दु:खी और दिव्यांग बच्चों को भोजन कराने हेतु नारायण सेवा संस्थान का सहयोग करें। 

वस्त्र और शिक्षा दान: अमावस्या पर वस्त्र और शिक्षा दान भी महत्वपूर्ण माना जाता है। इसलिए मौनी अमावस्या के दिन गर्म वस्त्रों का दान करना चाहिए। साथ ही इस दिन निर्धन बच्चों को कॉपी, किताब, पेंसिल, पेन, स्कूली बैग इत्यादि वितरित करना चाहिए। साथ ही यदि हो सके तो इस दिन किसी निर्धन बच्चे शिक्षित करने के लिए संकल्प लें। मौनी अमावस्या के पुनीत दिन पर नारायण सेवा संस्थान के वस्त्र दान और शिक्षा दान करने के आंदोलन में सहयोग करके पुण्य के भागी बनें।