भारतवर्ष त्यौहारों की भूमि है। यहाँ हर पर्व न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि जीवन को सकारात्मक दिशा देने वाला संदेश भी देता है। दीपावली के त्यौहार से एक दिन पूर्व आने वाली नरक चतुर्दशी जिसे रूप चौदस या छोटी दिवाली के नाम से जाना जाता है, अत्यंत शुभ और पावन पर्व माना जाता है। यह सनातन परंपरा का वह दिव्य पर्व है जो आत्मा को अंधकार से उजाले की ओर ले जाता है।
वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल नरक चतुर्दशी 19 अक्टूबर को मनाई जाएगी। जिसका शुभ मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 51 मिनट पर शुरू होगा और समापन अगले दिन दोपहर 03 बजकर 44 मिनट पर होगा। नरक चतुर्दशी के दिन संध्याकाल में दीपक प्रज्वलित किये जाते हैं।
कहा जाता है कि नरकासुर नामक असुर ने अत्याचार, अहंकार और अन्याय के अंधकार से इस दुनिया में आतंक मचा रखा था। उसके अत्याचार से देव-असुर सहित तीनों लोकों के प्राणी त्रस्त हो चुके थे। तब भगवान श्रीकृष्ण ने धर्म की ढाल बनकर चतुर्दशी के दिन नरकासुर का संहार किया और सोलह हजार बंदी कन्याओं को मुक्त कराया। इसलिए हर साल कार्तिक माह की चतुर्दशी को नरक चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है।
रूप चौदस पर कई पारंपरिक कर्म निभाए जाते हैं, जिन्हें त्यौहार के शुभ मौके पर अवश्य करना चाहिए।
रूप चौदस पर दीपदान का विशेष महत्व है। शास्त्रों और लोक विश्वास दोनों में कुछ स्थान ऐसे बताए जाते हैं जहाँ दीप जलाने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है:
नरक चतुर्दशी का पर्व हमें अंतर्मन के अंधकार को मिटाने की प्रेरणा देता है। जिस प्रकार दीपक जलाकर हम घर को रोशन करते हैं, उसी प्रकार सत्य, धर्म और सदाचार का दीप जलाकर हमें जीवन को प्रकाशित करना चाहिए।
यह दिन हमें सिखाता है कि जैसे श्रीकृष्ण ने नरकासुर का संहार कर संसार को भयमुक्त किया, वैसे ही हमें अपने भीतर के अहंकार और पाप रूपी नरकासुर को नष्ट करना चाहिए। तभी जीवन में वास्तविक सुख, शांति और दिव्यता का अनुभव संभव है।
प्रश्न: नरक चतुर्दशी 2025 कब है?
उत्तर: साल 2025 में नरक चतुर्दशी का पर्व 19 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा।
प्रश्न: क्या नरक चतुर्दशी (छोटी दीवाली) और दिवाली एक ही दिन मनाई जाती हैं?
उत्तर: वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास में नरक चतुर्दशी आती है। यह दिवाली की 5 तिथियों के त्यौहार का दूसरा दिन है, जबकि दीपावली तीसरे दिन मनाई जाती है। इसलिए नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली) और दीपावली अलग-अलग दिन मनाई जाती है।
प्रश्न: नरक चतुर्दशी मनाने के पीछे क्या उद्देश्य है?
उत्तर: ऐसा माना जाता है कि इसी दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर नामक दैत्य का वध किया था, इसलिए भारत में इस दिन को नरक-चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है।