खुशियों ने दी
दस्तक

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श्रेष्ठ को मिला नवजीवन

 

पहली संतान के होने से परिवार में खुशियों का माहौल था। परन्तु अगले कुछ ही पलों में वह माहौल दुःख में बदल गया। छत्तीसगढ़ के सकोला गांव निवासी संदीप गुप्ता और पूनम गुप्ता ने जन्मजात कमजोर पुत्र को अस्पताल में दिखाया जहां से पता चला कि पोलियो ग्रस्त होने से बच्चे के दोनों पैर पतले और कमजोर हैं। यह सुन उन पर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा।

ड़ाॅक्टर के कहे मुताबिक श्रेष्ठ नामक बच्चे का 2 वर्ष का होने तक इलाज चला पर न तो वह खड़ा हो पाता और न घुटनों के बल ही आगे बढ़ने में समर्थ था। माता-पिता ने उपचार हेतू आस-पास के कुछ अन्य अस्पतालों में भी दिखाया पर कहीं से भी उसके पावों पर खड़ा होने का आश्वासन नहीं मिला। माता-पिता को उसके भविष्य की चिंता दिन-रात खाएं जा रही थी।

एक दिन टीवी में नारायण सेवा संस्थान के निःशुल्क पोलियो ऑपरेशन एवं अन्य सेवा प्रकल्पों के बारे में प्रोग्राम देखा तो चिंतित माता-पिता को की आंखे चमक उठी। उन्हे उम्मीद की एक किरण दिखाई दी। वे श्रेष्ठ को लेकर संस्थान आए। जहां डॉक्टरों ने दोनों पैरों की पूरी जांच के बाद बारी-बारी दोनों पैरों का ऑपरेशन किया। ऑपरेशन बाद करीब 6 बार विजिंग हुई। मार्च 2023 में पांवों का माप लेकर विशेष केलिपर्स तैयार कर पहनाएं गए।

श्रेष्ठ को केलिपर के सहारे आराम से खड़े होते एवं कुछ कदम चलते देख माता-पिता और परिजनों के आंखों से खुशी के आंसू निकल आए। वे बताते हैं कि संस्थान की वजह से ही हमारी सूनी होती ज़िन्दगी में खुशियों ने दस्तक दी हैं।