सौरभ | सफलता की कहानियाँ | निःशुल्क पोलियो सुधार ऑपरेशन

सौरभ को मिला सहारा

Start Chat


सफलता की कहानी: सौरभ

 

जयनगर (कोलकाता) निवासी सौरभ हलधर (25) एक ट्रेन दुर्घटना में वर्ष 2023 में गंभीर रूप से जख्मी हो गए। संक्रमण के चलते उपचार के दौरान दांया पैर कटवाना पड़ा। जिसके बाद उन्हें चलने-फिरने में काफी तकलीफ सहनी पड़ती थी। यह सोचकर कि अब मुझे एक पांव के सहारे ही पूरी जिन्दगी बितानी पड़ेगी बार-बार दुःखी हो जाते थे। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने से घर का गुजारा भी मुश्किल से हो पाता था। ऐसे में कृत्रिम पांव लगवाने का खर्च भी संभव नहीं था। लेकिन ईश्वर ने उनकी सुन ली। माता-पिता को कोलकाता में 26 नवंबर, 2023 को संस्थान के निःशुल्क कृत्रिम अंग माप शिविर के बारे में सूचना मिली, जो सौरभ के सूने जीवन में रोशनी के समान थी। शिविर में आने पर पांव का माप लिया गया। करीब 45 दिन बाद 2 मार्च 20247 को उनके कृत्रिम पैर लगाया गया। जो हल्का और सुविधायुक्त था। पैर पहनते ही सौरभ खुशी से झूम उठे। अब कृत्रिम पांव की सहायता से वे अपने पैरों पर खड़े हो आराम से चल-फिरते हैं।