सतनाम को मिली
विकलांगता से मुक्ति

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दिव्यांगता से मिली सतनाम को राहत

 

सिरसा हरियाणा के रहने वाले सतनाम के दोनों पैर जन्म से ही कमजोर तथा दांया पैर घुटने व पंजे से टेढ़ा और मुड़ा हुआ था |  बेटे के पैरों की ऐसी स्थिति देख पिता सीताराम और माता सीता देवी सहित पूरा परिवार चिंतित हो गया | मन में बहुत से ख्याल आ रहे थे | बेटे के होने से परिवार में ख़ुशी तो थी पर पल भर में दुःख में बदल गई थी |

डॉक्टरो ने बताया की दुखी मत हो हम पूरी कोशिश करेंगे की पैर ठीक हो जाये परन्तु ऐसा नहीं होने पर माता – पिता की चिंता और अधिक बढ़ गई | कुछ महीनों बाद आस – पास के अस्पतालों में भी दिखाया पर संतोषजनक जवाब नहीं मिला और बड़े प्राइवेट अस्पतालों में उपचार का अधिक खर्च और कोई गारंटी नहीं की ऑपरेशन बाद चले या नहीं बताने पर कुछ भी समझ नहीं आ रहा था | पिता ऑटो चलाकर और माता गृहणी मजदूरी का काम कर परिवार के पांच सदस्यों का भरण – पोषण कर रहे है | सतनाम जन्मजात दिव्यांगता के दुःख को लेकर इक्कीस बरस का हो गया पर दिव्यांगता से छुटकारा नहीं मिला |

कुछ समय पहले गाँव के ही एक मित्र को चलता हुआ देख सतनाम को उम्मीद की किरण दिखाई दी तब उससे जानकारी मिली की में नारायण सेवा संस्थान उदयपुर राजस्थान में अपने दोनों पेरो का निःशुल्क पोलियो उपचार कराया और में ठीक हो गया |

नारायण सेवा संस्थान निःशुल्क उपचार की पूरी जानकारी लेकर 15 जून 2022 को आया | यहां आने पर डॉक्टर साहब द्वारा जाँच कर भर्ती किया और 23 जून को दांया पैर का सफल ऑपरेशन कर प्लास्टर पट्टा बांधा गया | करीब एक माह बाद पुनः 30 जुलाई को आने पर प्लास्टर खोला तब पैर पहले से काफी ठीक हो गया। दो बार विजिंग की गई, 1 अगस्त को कैलिपर्स तैयार कर पहनाया गया।

अब पैर और सतनाम स्वस्थ है और आराम से चलने लगा है | माता -पिता और भाई सतनाम के ठीक होने से बहुत प्रसन्न है और संस्थान परिवार व उस मित्र का बहुत आभार मानते है |