राजेश विनोद चौहान | सफलता की कहानियाँ | निःशुल्क नारायण कृत्रिम अंग
no-banner

ऑपरेशन बाद
चल पड़ा राजेश

Start Chat


सफलता की कहानी : राजेश विनोद चौहान

 

खेती करके जीवन यापन करने वाले यवतमाल महाराष्ट्र निवासी विनोद चौहान (48) के घर 14 वर्ष पहले एक प्री- मैच्योर बच्चा राजेश विनोद चौहान (14) का जन्म हुआ | जन्म के समय से ही दोनों पांवो के पंजों में टेढ़ापन था | गरीब किसान विनोद दुःख के तले कर्जदार भी हो गया पर कर भी क्या सकता था | विनोद खेती में मजदूरी करके परिवार का भरण – पोषण करता है | राजेश के बड़े होने पर स्कुल में दाख़िला करवाया, कक्षा 4 तक पढ़ाई की और अचानक हालत खराब होने से पढ़ाई भी बिच में ही छूट गई | फिर महाराष्ट्र के हॉस्पीटलों में दिखाया पर कहीं पर भी ठीक होने का भरोसा नहीं मिला |

फिर एक दिन घर के पड़ौसी ने नारायण सेवा संस्थान के बारे में टीवी पर चल रहे प्रोग्राम को देख और माहुर गाँव में शिविर लगा संस्थान का वहां से पता चला | फिर पहली बार 7 मार्च 2022 को दिव्यांग राजेश को लेकर परिजन उदयपुर संस्थान आये |डॉक्टर्स ने जाँच कर ऑपरेशन का परामर्श दिया और 10 मार्च को बांए पांव का ऑपरेशन कर दिया | 1 माह बाद बच्चे का पांव पहले से सीधा हो गया | दूसरी बार पुनः 12 मई 2022 को आये तब दांए पांव का ऑपरेशन 15 मई को किया | 3 से 4 बार विजिंग की गई | फिर कुछ दिनों बाद डिस्चार्ज कर दिया | दोनों पांवो के ऑपरेशन के बाद तीसरी बार 20 जून को केलिपर्स व जूते पहनाने के बाद राजेश अपने पांव चलने लगा है| ये देख परिवारजन की आँखों से ख़ुशी के आंसू आ गए और राजेश व सभी प्रसन्न है|

विनोद कहते है की मुझ गरीब का सहारा बनी नारायण सेवा और सभी डॉक्टर्स व टीम को बहुत धन्यवादआपने मुझे जो निःशुल्क उपहार दिया है, मैं जीवनभर आभारी रहूंगा |