प्रज्ञा को मिली
प्रगति

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प्रज्ञा को मिला नवजीवन

 

उत्तर प्रदेश जिला आजमगढ़ के गाँव माहुल निवासी संतोष कुमार अग्रहारी के घर 12 वर्ष पूर्व प्री. मैच्योर बच्ची का जन्म हुआ द्य जिसके दोनों पांवों के घुटनों और पंजों में टेढ़ापन था द्य यह देख माता -पिता सहित पूरा परिवार दुःख में डूब सा गया ए पर कर भी क्या सकते थे

द्य फिर बेटी की परवरिश में लग गए द्य बेटी का प्रज्ञा कुमारी नाम रखा द्य बेटी के चार से पांच साल की उम्र होने पर नजदीकिय स्कूल में दाख़िला करवाया द्य रोज स्कूल लेकर जाना और लाने में बहुत सी परेशानी होती थी ए क्योंकी माता . पिता को घर के और बाहर के काम करना और इसका ध्यान रखने के लिए एक जन का होना आवश्यक था द्य बेटी जन्मजात दिव्यांगता के दुःख को लेकर अब बाहरा वर्ष की हो गई थी द्य माता-पिता बेटी की परवरिश के साथ -साथ उपचार के लिए भटकते -भटकते थक से गए पर कही से भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला द्य बेटी के इलाज हेतु फिर मुंबई ए लखनऊ और आस-पास के अस्पतालों के चक्कर भी लगाए और फिजियोथेरेपी भी बहुत कराई  पर यहां से भी ठीक होने के आसार नजर नहीं आ रहे थे द्य और इसी स्थिति के चलते प्रज्ञा की पढ़ाई भी बीच में छूट गई द्य पिता खुद की चिप्स की एजेंसी चलाकर और माता सरिता देवी  गृहणी कार्य कर परिवार के पांच सदस्यों का जैसे .तैसे पोषण कर रहे है

द्य फिर इन्ही के गाँव से एक दिव्यांग नारायण सेवा संस्थान ए उदयपुर में पैरों का इलाज करवाकर आराम से चलता हुआ गाँव गया ए तो ये देख उम्मीद की एक किरण दिखाई दी द्य फिर इनसे जानकारी लेकर अप्रैल 2022 में माता . पिता प्रज्ञा को लेकर संस्थान में आये ए 27 अप्रैल को दोनों पांवो  के पंजो और घुटनों का  सफल  ऑपरेशन  हुआ ए फिर दो माह बाद पुनः 2 जून को आये प्लास्टर पट्टा खोला गया द्य  6 जून को दोनों पैरों की विजिंग की गई  द्य तीसरी बार आने पर 18 जुलाई 2022 को दोनों पैरों का नाप लिया और 21 जुलाई को विशेष केलिपर्स व जूते तैयार कर पहनाये गए 

द्य डॉक्टर अंकित चौहान बताते है की प्रज्ञा अब पहले से स्वस्थ और ठीक हैए बहुत जल्द आराम से चल और दौड़ पायेगी द्य  माता .पिता अपने मन के भाव प्रकट करते हुए बताते है की प्रज्ञा को दोनों पैरों पर सीधे खड़े होते देख बहुत ख़ुशी हुई हमें और बेटी को नया जीवन दिया द्य संस्थान परिवार ने निःशुल्क उपचार कर बेटी को ठीक करने के लिए बहुत आभार मानते है