नागराज पाटिल | सफलता की कहानियाँ | निःशुल्क नारायण कृत्रिम अंग वितरण
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करंट ने छीने
हाथ-पांव

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सफलता की कहानी : नागराज युवराज पाटिल

 

छोटी सी जोत पर किसानी का काम कर परिवार के पांच सदस्यों के साथ खुसहाल जीवन बीता रहे थे कि एक दिन काल बन ऐसा आया जिसने परिवार के सारे सपनों को तहस-नहस कर दिया।

महाराष्ट्र जिला जलगांव के छोटे से गांव सारोला निवासी नागराज युवराज पाटिल (40) नवम्बर 2014 में खेत पर पिलाई का काम करते समय अचानक से 11000 हाईवोल्टेज लाईन तार टुटने से करंट कि चपेट में आ गए, जिसमें बुरी तरह से झुलस गए। एक तरफ का पूरा शरीर जल गया, तत्काल ही आस पास के लोगों ने कड़ी मशक्कत के बाद अस्पताल भर्ती करवाया जहां डॉक्टरों ने बताया कि बचाव का एक मात्र विकल्प हाथ और पांव को काटना ही होगा। उपचार के दौरान दांए हाथ और पांव को कटवाना पड़ा।

एकाएक चलती-फिरती जिंदगी के लाचार होने से परिवार आर्थिक संकटों से घिर चुका था। 10 साल से दिव्यांगता से ग्रस्त नागराज को अब मौत प्यारी लगाने लगी थी। इसी बीच इसी वर्ष सोशल मीडिया से नारायण सेवा संस्थान के निःशुल्क सेवा कार्यो की जानकारी मिली तो उम्मीद जगी। नवम्बर माह के अंतिम सप्ताह में पैर का माप ले 11 दिसम्बर जलगांव शिरपूर में आयोजित शिविर में विशेष कृत्रिम पांव तैयार कर फिट किया गया।

नागराज बताते है कि कृत्रिम पांव लगने से अब मैं परिवार की खराब माली हालत को सुधारने का प्रयत्न करुंगा।