तीन ऑपरेशन से चंदनी बनी सकलांग

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सफलता की कहानी: चंदनी

दोनों पांवों में विकृति के साथ जन्मी चंदनी यादव का 23 साल का सांसारिक सफर चुनौतियों से भरा रहा। दोनों पैर पंजे से मुड़े होने से लंगड़ाते-घिसटते चलने को मजबूर थी। इस दौरान पांवों पर जख्म भी पड़ गए। संस्थान ने दिव्यांगता को अत्याधुनिक सर्जरी के माध्यम से दूर कर इन्हें पैरों पर खड़ा किया।
बाराबंकी (उप्र) निवासी कमलेश यादव के घर लक्ष्मी स्वरूप इस बेटी के जन्म से खुशी की थाली तो बजी, लेकिन कुछ ही दिनों बाद दुःख ने भी डेरा डाल दिया। जब पता चला कि बेटी के दोनों पांव पंजों से मुड़े हुए है। परिजन नियती के इस फैसले के आगे मजबूर थे। अपना नसीब ही खोटा मन चंदनी की परवरिश में लग गए। पिता कमलेश ने आस-पास के कितने ही अस्पतालों में उपचार करवाया लेकिन कहीं से भी सार्थक उपचार नहीं मिला। इसी बीच उन्हें सोशल मीडिया से नारायण सेवा संस्थान के निःशुल्क पोलियो सुधार ऑपरेशन के बारे में जानकारी मिली तो वे बेटी को 11 मार्च 2022 को उदयपुर स्थित संस्थान ले आए। जहां विशेषज्ञ चिकित्सकों ने गहन जांचकर क्रमशः 19 मार्च, 22 अप्रैल और जून माह के अन्तिम सप्ताह में पैरों के तीन ऑपरेशन किये और  चंदनी को केलीपर्स के सहारे अपने पांवों पर ना सिर्फ खड़ा किया बल्कि उसे समाज की मुख्यधारा से जोड़ने हेतु निःशुल्क त्रिमासिक कम्प्यूटर प्रशिक्षण दे आत्मनिर्भरता की राह की ओर अग्रसर भी किया।
चंदनी कहती हैं कि संस्थान ने मुझे एक नया जीवन देकर आम लोगों की तरह चलने-फिरने का अवसर तो दिया ही, स्वरोजगार प्रशिक्षण से जोड़ कर मेरे भविष्य से कोहरा भी हटाया तथा परिवार को भी हौसला दिया है। संस्थान परिवार एवं दानदाताओं का खूब आभार।