भूमि के जीवन में कृत्रिम पांव ने भरी रौनक

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सफलता की कहानी: भूमि यादव

बायां पांव जन्मजात दायां पांव से करीब 10 इंच छोटा था। जिससे उसे उठने, बैठने व चलने में न केवल परेशानी होती थी, बल्कि दूसरे पांव के भी घुटने से नाकाम होने की आशंका थी। चलने-फिरने में असमर्थ भूमि यादव ( 5) राजस्थान के नीम का थाना की रहने वाली है।

दादा शेषराम यादव बताते हैं कि परिवार में बेटी के जन्म से सभी बहुत खुश थे लेकिन यह खुशी स्थाई नहीं रही। जब पता चला कि बेटी के जन्म से ही पांव छोटा है तो काफी दुःख पहुंचा। पर नियति के आगे कर भी क्या सकते थे। माता-पिता बेटी की परवरिश में लग गए। सम्भव नहीं था। इसी बीच नारायण सेवा संस्थान द्वारा निःशुल्क कृत्रिम अंग वितरण एवं पोलियो सुधारात्मक सर्जरी चयन शिविर की जानकारी मिली तो कुछ आस जगी। संस्थान की जानकारी जुटा बिना समय गवाएं 5 नवंबर 2023, भूमि को दादा-दादी उदयपुर स्थित संस्थान ले आए। जहां संस्थान के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने जांच कर पांव का माप लिया। 9 नवंबर को उच्च गुणवत्ता युक्त नारायण लिम्ब तैयार कर पहनाया, साथ ही चलने-फिरने का अभ्यास करवाया गया। जिसके बाद भूमि अब बिना किसी सहारे आराम से खड़ी हो अपने पैरों पर चलने लगी है।

बेटी को चलते-फिरते और खेलते देख परिजन बहुत प्रसन्न है। वे कहते है कि संस्थान ने बेटी के जीवन से अंधेरा दूर कर जीवन रोशन कर दिया है।