अर्जुन साधेगा लक्ष्य

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सफलता की कहानी - अर्जुन

अर्जुन साधेगा लक्ष्यनियति का खेल भी बड़ा अजीब हैं। परिवार में एक बहन के दो भाई जन्मजात दिव्यांग हैं। जिससे परिवार भी कष्टप्रद जीवन व्यतीत कर रहा हैं। हनुमानगढ़ (राजस्थान) निवासी बाल सिंह के सबसे बड़ा बेटा जन्मजात दोनों पैरों से दिव्यांग होकर घिसटने को मजबूर हैं। दूसरी संतान के रूप में बेटी का जन्म हुआ वह बिल्कुल सामान्य है।

लेकिन तीसरी संतान के रूप में बेटे का जन्म हुआ तो परिवार में खुशियां छाई पर नियति को कुछ और ही मंजूर था। इस बेटे का जन्म भी दिव्यांगता के साथ हुआ। तमाम खुशियों को ग्रहण लग गया। माता-पिता ने आस-पास के कई हॉस्पिटलों में दिखाया पर कहीं से भी सफल उपचार नहीं मिला। बाल सिंह राजमिस्त्री के साथ वेलदारी कर परिवार के 8 सदस्यों का गुजारा चलाते हैं। परिवार की आर्थिक कमजोर स्थिति के कारण किसी बड़े अस्पताल में दोनों बेटो का उपचार भी संभव नहीं था।

सब तरफ से हार मान चुके बाल सिंह को गाँव के ही एक व्यक्ति ने नारायण सेवा संस्थान की जानकारी दी। उसने बताया कि संस्थान वर्षों से निःशुल्क पोलियो सुधार ऑपरेशन एवं दिव्यांगों की सेवा में समर्पित है। वह 25 फरवरी 2023 को अर्जुन को उदयपुर संस्थान ले आए। जहां डॉक्टरों ने जांच कर 16 मार्च को बांए पांव का सफल ऑपरेशन किया। करीब एक माह में दो बार विजिंग के बाद पांव सीधा हुआ, साथ ही 4 मई को दूसरे पांव का भी सफल ऑपरेशन किया गया।

बाल सिंह बताते है कि प्लास्टर खुलने के बाद अब अर्जुन कैलिपर के सहारे आराम से खड़ा हो कुछ कदम चल लेता है। पहले से काफी आराम है। अब उम्मीद ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि अर्जुन चलेगा भी और जीवन का लक्ष्य भी साधेगा।