रोशनी सी मुखर हुई अमनदीप कौर

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सफलता की कहानी: अमनदीप कौर

कभी-कभी जिंदगी हमारे साथ मुश्किलें लेकर आती है, लेकिन हमें कभी भी हार नहीं माननी चाहिए। संस्थान के अथक प्रयासों और अपनी मेेहनत से अमनदीप ने बढ़ाया अपना हौसला!

पंजाब के अमृतसर की रहने वाली अमनदीप कौर (28) जब छः वर्ष की थीं, अचानक तबियत बिगड़ने से उपचार के दौरान इंजेक्शन के दुष्प्रभाव के कारण वो कुछ ही महीनों बाद चलने-फिरने में असमर्थ हो गईं। जिससे परिजनों को गहरा आघात पहुंचा। माता-पिता ने उपचार की हर संभव कोशिशें की परन्तु कहीं से भी कारगर उपचार नहीं मिला। निराश अमनदीप व्हीलचेयर के सहारे जीने को मजबूर थी। एक दिन वाहेगुरु के एक बन्दे ने नारायण सेवा संस्थान के निःशुल्क पोलियो उपचार एवं सेवा प्रकल्पों की जानकारी दी, जो सूने जीवन को रोशन करने वाली साबित हुई। संस्थान में आने के बाद जांच कर एक पैर का निःशुल्क ऑपरेशन हुआ, दूसरे पैर का ऑपरेशन होना बाकी है। इन्हें पूरी उम्मीद है कि वो अपने पैरों पर जल्द ही खड़ी हो चल-फिर सकेगी।

संस्थान में रहकर इन्होंने निःशुल्क तीन महीनें का सिलाई प्रशिक्षण प्राप्त किया। अब वह आत्मनिर्भर बन परिवार का सहारा बनेगी। अमनदीप ने संस्थान द्वारा आयोजित जुलाई में चंडीगढ़ में आयोजित ‘टैलेंट शो’ में भी हिस्सा लिया। जहां इनके हुनर को देख सभी दंग रह गए।