23 January 2024

खत्म हुआ 500 वर्षों का इंतजार, अयोध्या में विराजे रामलला

अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने के साथ ही 22 जनवरी 2024 की तिथि इतिहास में दर्ज हो गई गई। इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का बाल स्वरूप मंदिर में विराजमान हो गया है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में देश विदेश से लाखों भक्त अयोध्या पहुंचे। यहां पहुंचकर वो इस दिव्य और ऐतिहासिक आयोजन का साक्षी बने। 

 

इस मुहूर्त में हुई प्राण प्रतिष्ठा 

राम जन्मभूमि पर नवनिर्मित मंदिर में सोमवार को दोपहर 12:29 बजे अभिजीत मुहूर्त, मृगशिरा नक्षत्र, इन्द्र योग, मेष लग्न एवं वृश्चिक नवांश में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच प्राण प्रतिष्ठा की गई। प्राण प्रतिष्ठा में भगवान के  51 इंच ऊंचे बालरूप विग्रह को मंदिर में स्थापित किया गया। इस दौरान मंगल ध्वनिका भव्य वादन शुरू हुआ। इस वादन में 50 से अधिक मनोरम वाद्ययंत्र बजाते हुए कलाकार इस शुभ घटना का साक्षी बनें।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की प्राण प्रतिष्ठा 

श्रीरामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विद्वान पंडितों और साधु-संतों की उपस्थति में की। इस दौरान उनके साथ संघ प्रमुख मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहे। प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान काशी के प्रख्यात पंडित गणेश्वर द्रविड़ और आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित के निर्देशन में 121 पंडितों ने सम्पन्न कराया। इस समारोह में  150 से अधिक परंपराओं के संत और धर्माचार्य दिव्य आयोजन के साक्षी बने।

 

सिर से पैर तक आभूषणों से सजे हैं रामलला 

मंदिर में स्थापित की गई राम लला की मूर्ति मन को मोहित कर देने वाली है। मूर्ति को सिर से पैर तक आभूषणों से सुसज्जित किया गया है। भगवान राम हाथों में धनुष-बाण लिए हैं तो वहीं उनका माथा लाल तिलक से सुशोभित है। भगवान को सिर में हीरे जड़ित मुकुट पहनाया गया है। 

 

गुलाबी पत्थर से बने मंदिर में विराजे हैं राघव 

भगवान राम का नवनिर्मित मंदिर गुलाबी पत्थरों से बनाया गया है। ये पत्थर राजस्थान के भरतपुर से लाए गए हैं। मंदिर की दीवारों पर सुंदर नक्काशी की गई है और देवी देवताओं की मूर्तिया उकेरी गई हैं। मंदिर में पांच गुंबद हैं। गर्भगृह के कपाट सोने से बनाए गए हैं।

 

देश भर में मनाई गई दीपावली 

भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या के साथ पूरे देश में जश्न मनाया गया। जगह-जगह सुंदर कांड और भजन कीर्तन का आयोजन किया गया। साथ ही लोगों ने अपने घरों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर दीप प्रज्वलित किए। साथ ही बच्चों ने खुशी के साथ पटाखे फोड़े और लोगों ने  मिठाइयां वितरित की।