12 April 2024

Ram Navami 2024: ऐसे मनाएं श्रीराम जन्मोत्सव, जानिए महत्व, तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि 

Rama Navami 2024: भगवान राम को विष्णु भगवान का सातवां अवतार माना जाता है। वाल्मीकि रामायण में बताया गया है कि प्रभु श्रीराम का जन्म चैत्र माह (chaitra maas) के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि (कर्क लग्न, अभिजीत मुहूर्त और पुनर्वसु नक्षत्र) में हुआ था। प्रभु राम के जन्मोत्सव (bhagwan ram janmotsav)को पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। राम नवमी का दिन चैत्र नवरात्रि का आखिरी दिन होता है, इसके पहले लगातार नौ दिनों तक जगत जननी माँ भगवती दुर्गा की उपासना की जाती है। 

कहा जाता है कि भगवान राम के जन्म के समय में सूर्य, बुध, गुरु, शुक्र और शनि ग्रह का विशेष योग बना था। जब भगवान राम इस धरती पर अवतरित हुए थे उस समय सूर्य, मंगल, गुरु, शुक्र और शनि अपनी-अपनी उच्च राशि में मौजूद थे। 

इस दिन मनाई जाएगी राम नवमी

Ram Navami 2024 Date and Shubh Muhurat: पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 16 अप्रैल को दोपहर 1 बजकर 23 मिनट से आरंभ होगी। इसका समापन अगले 17 अप्रैल को दोपहर 3 बजकर 14 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार राम नवमी का पर्व 17 अप्रैल को मनाया जाएगा। राम नवमी के दिन भगवान श्रीराम की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 10 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 38 मिनट तक रहेगा। 

 

राम नवमी पर बन रहा है यह शुभ योग 

इस बार की राम नवमी पर रवि योग (ravi yog) बन रहा है। जो कि बेहद फलदायी माना जाता है। भगवान राम का जन्मोत्सव इस बार रवि योग में मनाया जाएगा। कहा जाता है कि रवि योग में सूर्य देव का प्रभाव होता है, ऐसे में भगवान की उपासना तथा धर्म-कर्म करने से जीवन से सभी प्रकार के कष्टों से छुटकारा मिल जाता है। साथ ही जीवन में सफलता मिलती है और मान-सम्मान में वृद्धि होती है। 

 

राम नवमी पर करें ये काम 

धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि कलियुग में मात्र भगवान राम का नाम लेने मात्र से व्यक्ति के सारे कष्ट दूर हो जाएंगे और उसे मोक्ष की प्राप्ति होगी। ऐसे में राम नवमी के शुभ अवसर पर रामचरितमानस और राम रक्षा स्तोत्र का पाठ बेहद फलदायी होता है। इससे जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहती है। राम नवमी के दिन प्रातः काल उठकर स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करके पाठ करें। 

 

राम नवमी की पूजा विधि 

Ram Navami 2024 puja vidhi: राम नवमी के दिन सबसे पहले स्नान आदि के बाद सूर्य भगवान को तांबे के पात्र से अर्घ्य दें। इसके बाद चौकी में साफ कपड़ा बिछाकर भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण जी और हनुमानजी की मूर्तियों को स्थापित करें। फिर मूर्तियों को स्नान करवाकर पीले रंग के फूल, वस्त्र, चंदन आदि अर्पित करें। सुंदरकांड का पाठ करें। भगवान को भोग लगाएं और अंत में आरती करें। अपने घर पर धर्म ध्वज भी लगाएं। 

हिन्दू परंपरा में राम नाम के जाप को अमोघ माना जाता है। कहा जाता है कि भगवान राम के नाम में ऐसी शक्ति है जो सभी प्रकार के कष्टों और संकटों को समाप्त करने में सक्षम है। इसलिए जो भी व्यक्ति अपने आखिरी समय में भगवान राम का नाम लेता है उसे मोक्ष प्राप्त होता है। इसलिए भगवान राम के जन्मोत्सव के दिन उनके नाम का जप करना बेहद फलदायी होती है। इस दिन राम नाम का जप प्राणी को इस भवसागर से पार लगाने में सहायक होता है। साथ ही उसे समस्त प्रकार के दैहिक, दैविक एवं भौतिक तापों से मुक्ति प्रदान करता है।

 

प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

 

प्रश्न: राम नवमी कब मनाई जाएगी?

उत्तर: राम नवमी 17 अप्रैल 2024 को मनाई जाएगी। 

 

प्रश्न: राम नवमी किसके जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है?

उत्तर: राम नवमी भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। 

 

प्रश्न: क्या इस बार अयोध्या में नवनिर्मित मंदिर में राम नवमी मनाई जाएगी?

उत्तर: हाँ, इस बार अयोध्या में नवनिर्मित रामलला के मंदिर में राम नवमी मनाई जाएगी?

 

प्रश्न: रामनवमी के दौरान भगवान राम के नाम का जाप करने का क्या महत्व है?

उत्तर: भगवान राम के नाम का जाप मन में शांति लाकर चिंता और अवसाद को दूर करता है।