सूर्य नमस्कार एक बेहतरीन योगाभ्यास है। जो सूर्योदय के समय किया जाता है। इस योगाभ्यास में भगवान सूर्य की 12 मुद्राओं को नमस्कार किया जाता है। जिसमें हर मुद्रा के दौरान अलग-अलग मित्रों का प्रयोग किया जाता है। इस प्रकार 12 मित्रों के साथ 12 मुद्राओं में भगवान सूर्य को नमस्कार किया जाता है। यह एक लयबद्ध व्यायाम है जो सिर्फ 12 बार ही किया जाता है। यह योगाभ्यास शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से लोगों को प्रभावित करता है।
सूर्य नमस्कार एक ऐसा योगाभ्यास है, जिससे पूरे शरीर की कसरत होती है। यह योगाभ्यास पूरे शरीर की मांसपेशियों को प्रभावित करता है। साथ ही हृदय को भी स्वस्थ्य रखता है। शारीरिक प्रभाव के साथ-साथ सूर्य नमस्कार का गहरा मानसिक प्रभाव भी है। इससे लोगों का ध्यान एकाग्र होता है और उनके मन को शांति मिलती है।
सूर्य नमस्कार में 12 मित्रों के साथ 12 मुद्राओं का चुनाव मानसिक सद्भाव की अवधारणा के अनुरूप है। यह योगभ्यास करने वाले लोगों को सतत प्रवाह की स्थिति में प्रवेश करने की अनुमति देता है। जहां मन ध्यान भंग करने वाली चीजों को पार करके खुद को वर्तमान क्षण के साथ जोड़ लेता है। यह योग भावनात्मक कल्याण को बढ़ावा देता है।
सूर्य नमस्कार के कई फायदे हैं। जो मानसिक एवं शारीरिक दोनों हो सकते हैं। चिकित्सकों और योग निर्देशकों के अनुसार, सूर्य नमस्कार आपको वजन घटाने में सहायता करता है। साथ ही शरीर की पाचन शक्ति को बढ़ाने में सहायता करता है।
सूर्य नमस्कार 12 मुद्राओं में 12 योगासनों और 12 मंत्रो के साथ किया जाता है। यह योगाभ्यास 12 से अधिक या कम मुद्राओं में नहीं किया जाता। इसके पीछे कई अध्यात्मिक कारण हैं-