नारायण सेवा संस्थान दीन-हीन, दिव्यांग लोगों के लिए आशा की किरण है। जो अप्रत्याशित परिस्थितियों के कारण अपने अंग गंवाने वाले दिव्यांग लोगों की गतिशीलता और गरिमा बहाल करने के लिए समर्पित है। उन्नत कार्यशालाओं और प्रोस्थेटिक्स तथा ऑर्थोटिक्स इंजीनियरों के प्रयासों के माध्यम से, हम दिव्यांग भाई-बहनों को नि:शुल्क अत्याधुनिक कृत्रिम अंग प्रदान करते हैं जो दिव्यांगजनों को पुनः उनकी स्वतंत्रता प्राप्त करने में सक्षम बनाते हैं।
देश के अन्य राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश में भी दिव्यांगजनों को मानसिक और सामाजिक चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है। जिससे वो जीवनपर्यन्त सामान्य जीवन जीने के लिए संघर्षरत रहते हैं। उत्तर प्रदेश में अंग गंवाने के मुख्य कारणों में मधुमेह, औद्योगिक तथा सड़क दुर्घटनाओं जैसी अन्य बहुत सारी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं शामिल हैं। इसके प्रतिउत्तर में हमारा संस्थान उत्तर प्रदेश के लखनऊ में जरूरतमंदों को नि:शुल्क कृत्रिम अंग प्रदान करने के लिए एक शिविर लगाने जा रहा है। जिससे उन्हें न केवल शारीरिक सहायता बल्कि जीने की नई आशा और अवसर भी मिलेगा।
हाल ही में 28 जुलाई 2024 को संस्थान के द्वारा लखनऊ, उत्तर प्रदेश में एक नि:शुल्क “दिव्यांग जांच – चयन, नारायण लिंब एवं कैलिपर माप शिविर” का आयोजन किया गया। इस शिविर में लखनऊ के आस पास के क्षेत्रों के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। जिनमें से 1129 व्यक्तियों के कृत्रिम अंग वितरण के लिए चुना गया। तत्पश्चात उनके अंगों का माप लिए गया।
सभी चयनित दिव्यांग भाइयों और बहनों को आगामी शिविर में कृत्रिम अंग प्रदान किए जाएंगे। इस सेवा प्रकल्प को संभव बनाने के लिए हमारे संस्थान को आपके समर्थन की आवश्यकता है। हम सभी मिलकर इन जरुरतमंद लोगों के जीवन में उम्मीद की रोशनी ला सकते हैं।
आपका सहयोग लखनऊ और आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले हर दिव्यांग व्यक्ति के जीवन में उम्मीद का नया सवेरा ला सकता है। आपके सहयोग से असहाय दिव्यांगों को जिंदगी जीने का नया मौका मिलेगा।
कृपया दान देकर दिव्यांगजनों को उनके पैरों पर चलाने में सहयोग करें।
आपका 10,000 रुपये का दान दिव्यांगों को उनके पैरों पर चलाने में मदद करेगा।