नारायण सेवा संस्थान, दीन-हीन और दिव्यांगजनों के जीवन में आशा की ज्योति प्रज्वलित करने के लिए समर्पित है। उन व्यक्तियों के लिए, जिन्होंने किसी दुर्भाग्यपूर्ण हादसे या बीमारी के कारण अपने अंग गंवा दिए हैं, संस्थान आधुनिक तकनीक और विशेषज्ञों के माध्यम से नि:शुल्क कृत्रिम अंग प्रदान कर उनकी ज़िंदगी को नई दिशा देने का कार्य करता है।
देश के अन्य भागों की तरह, गुजरात के कच्छ क्षेत्र के दिव्यांगजन भी सामाजिक और मानसिक चुनौतियों का सामना करते हैं। उनका संघर्ष सिर्फ शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक भी है। मधुमेह, औद्योगिक दुर्घटनाएं और सड़क हादसे यहां अंग-विहीनता के मुख्य कारण हैं। लेकिन इन कठिनाइयों के बीच, नारायण सेवा संस्थान ने अपने प्रयासों से एक नई उम्मीद जगाई है।
हाल ही में 15 दिसंबर 2024 को भुज में आयोजित नि:शुल्क “दिव्यांग जांच – चयन और कृत्रिम अंग माप शिविर” ने कई ज़िंदगियों को नई उम्मीद दी। इस शिविर में बड़ी संख्या में दिव्यांग भाई-बहन शामिल हुए, जिनका चयन कृत्रिम अंग और ऑपरेशन के लिए किया गया। शिविर में उनके अंगों का माप लिया गया। अब, अगले शिविर में इन्हें कृत्रिम अंग वितरित किए जाएंगे, जो न केवल उनकी गतिशीलता लौटाएंगे, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी पुनर्जीवित करेंगे।
लेकिन यह सेवा-प्रकल्प आपके सहयोग के बिना संभव नहीं है। हर दान, हर सहयोग इन जरूरतमंदों की ज़िंदगी को सशक्त बनाने में एक महत्वपूर्ण कड़ी है।
आपका छोटा-सा योगदान उनके लिए बड़ा बदलाव ला सकता है-
यह उन्हें अपने पैरों पर खड़े होने का मौका देगा।
यह उनके जीवन में फिर से मुस्कान और आत्मनिर्भरता लाएगा।
यह उनके परिवारों के लिए एक नई उम्मीद बनेगा।
भुज और आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने के इस पुनीत कार्य में आपका सहयोग बेहद महत्वपूर्ण है। आइए, मिलकर उनके जीवन में उम्मीद और खुशहाली का नया सवेरा लाएं।
कृपया आज ही दान करें और दिव्यांगजनों को चलने का नया अवसर प्रदान करें।
आपका 10,000 रुपये का दान दिव्यांगों को उनके पैरों पर चलाने में मदद करेगा।