Chaitra Purnima 2024: हिन्दू पंचांग में चैत्र माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली पूर्णिमा साल की पहली पूर्णिमा मानी जाती है। इसे चैत्र पूर्णिमा या चैती पूनम कहा जाता है। इस दिन चंद्र देव अपने पूर्ण आकार में होते हैं और धरती पर अपना शीतल प्रकाश बिखेरते हैं। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है। कहा जाता है कि जो भी सड़क इस दिन सुबह के समय स्नान के बाद ब्राह्मणों तथा दीन-हीन, असहाय लोगों को दान देता है उसे समस्त कष्टों से छुटकारा मिलता है और उसकी सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही मान्यता है कि यदि इस दिन घड़े में कच्चा अन्न डाल कर किसी निर्धन व्यक्ति को दान किया जाए, तो घर में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होती हैं।
कब है चैत्र पूर्णिमा 2024?
Chatra punima 2024 kab hai: पंचांग के अनुसार इस साल चैत्र पूर्णिमा (date) 23 अप्रैल को प्रातः 3 बजकर 25 मिनट पर शुरू होगी। जिसका शुभ मुहूर्त (shubh muhurat) अगले दिन 24 अप्रैल को सुबह 5 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। इस हिसाब से उदयातिथि के अनुसार चैत्र पूर्णिमा 23 अप्रैल 2024 को मनाई जाएगी। साथ ही व्रत के साथ स्नान-दान भी इसी दिन किया जा सकेगा।
भद्रा के साये में चैत्र पूर्णिमा 2024
Bhadra Ke Saaye Me Chaitra Purnima 2024: ज्योतिषाचार्यों की मानें तो इस साल की चैत्र पूर्णिमा में भद्रा का साया भी रहेगा। भद्रा का प्रारंभ प्रातः 5 बजकर 47 मिनट से होगा और उसका समापन 4 बजकर 25 मिनट पर होगा। पौराणिक कथाओं के अनुसार भद्रा का निवास पाताल लोक में होता है इसलिए इस समय अंतराल के बीच मुंडन, विवाह, लग्न आदि शुभ कार्य वर्जित रहते हैं।
चैत्र पूर्णिमा की पूजा विधि (Chaitra Purnima Puja Vidhi)
- सबसे पहले प्रातः काल में उठें, उसके बाद स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- सूर्य देव को जल से अर्घ्य दें और हाथ जोड़कर भगवान विष्णु का समरण करते हुए व्रत का संकल्प लें।
- लकड़ी की एक चौकी लें, उस पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी के चित्र स्थापित करें।
- भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी को चंदन आदि लगाएं और दीपक जलाकर विधि विधान के साथ पूजा करें।
- कनकधारा स्तोत्र और भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें।
- अंत में आरती करें और पीले फल, खीर, मिठाई आदि चीजों का भोग लगाएं और लोगों को श्रद्धापूर्वक प्रसाद वितरित करें।
चैत्र पूर्णिमा पर दान का महत्व
Importance of donation: सनातन परंपरा में ब्राह्मणों तथा पात्र लोगों को दान देना बेहद पुण्यकारी माना जाता है। कहा जाता है-
“दान-धर्मत परो धर्मो भत्नम नेहा विद्धते”
अर्थात् दान धर्म से बड़ा न तो कोई पुण्य है न ही कोई धर्म।
भगवान के प्रिय दिन पूर्णिमा पर दान का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। यदि आपका धन किसी के काम आता है तो वह बदले में आपको सुख देता है। दान करके जब आप दूसरों को खुशी देते हैं, तो बदले में आपको खुशी मिलती है। क्योंकि किसी जरुरतमंद को दान देकर आपने उसकी जिंदगी में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश की है।
दान के महत्व का उल्लेख करते हुए पौराणिक धर्म ग्रंथों में कहा गया है-
दानेन भूतानि वशी भवन्ति दानेन वैराण्यपि यान्ति नाशम् ।
परोऽपि बन्धुत्वभुपैति दानैर् दानं हि सर्वेव्यसनानि हन्ति ॥
अर्थात् दान से सभी प्राणी वश में होते हैं, दान से वैर खत्म होता है, दान से शत्रु भी भाई बन जाता है और दान से ही सभी प्रकार के संकट दूर होते हैं।
चैत्र पूर्णिमा पर करें इन चीजों का दान
चैत्र पूर्णिमा के शुभ अवसर पर अन्न और भोजन का दान (Food Donation) सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। साथ ही इस पुण्यकारी दिन पर वस्त्र और शिक्षा दान का भी विशेष महत्व है। इस दिन दीन-हीन, असहाय बच्चों को भोजन कराने तथा वस्त्र दान करने के साथ शिक्षा से संबंधित चीजें दान करना पुण्यकारी माना जाता है। यदि आप सक्षम हैं तो इस दिन किसी निर्धन बच्चे को शिक्षित करने के लिए संकल्प लें। चैत्र पूर्णिमा के इस पुण्यकारी अवसर पर नारायण सेवा संस्थान के भोजन दान, वस्त्र दान और शिक्षा दान के प्रकल्प में सहयोग करके पुण्य के भागी बनें।
प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न: चैत्र पूर्णिमा कब है?
उत्तर: चैत्र पूर्णिमा 23 अप्रैल 2024 को मनाई जाएगी।
प्रश्न: चैत्र पूर्णिमा के दिन क्या करना चाहिए?
उत्तर: चैत्र पूर्णिमा पर स्नान-दान के साथ भगवान विष्णु का स्मरण और पूजा अवश्य करें।
प्रश्न: चैत्र पूर्णिमा पर कौन सा काम नहीं करना चाहिए?
उत्तर: इस दिन भूलकर भी तामसिक भोजन न करें।