04 January 2024

राम मंदिर में की जाएगी इनके द्वारा बनाई गई मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा, करिए दर्शन

अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनकर लगभग तैयार है। जल्द ही इस मंदिर के गर्भ गृह में रामलला की प्रतिमा स्थापित होने जा रही है। आगामी 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दुनिया भर से आए अन्य गणमान्य अतिथियों की उपस्थति में वैदिक मंत्रोच्चार के द्वारा रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। 

मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित करने के लिए भगवान राम की प्रतिमा का चुनाव कर लिया गया है। मंदिर में कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज के द्वारा बनाई गई मूर्ति लगाई जाएगी। यह मौका पूरे देश के लिए खास होने वाला है। 

 

प्रसिद्ध मूर्तिकार हैं योगीराज

अरुण योगीराज कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार हैं। वो मूर्तिकार योगीराज शिल्पी के बेटे हैं। योगीराज शिल्पी को वाडियार घराने के महलों में खूबसूरत नक्काशी के लिए जाना जाता है। अरुण योगीराज ने मैसूर विश्वविद्यालय से एमबीए किया है। इसके पहले अरुण योगीराज सुभाष चंद्र बोस की 30 फीट ऊंची प्रतिमा बनाई थी। इस मूर्ति को दिल्ली में अमर जवान ज्योति स्थल के पीछे स्थापित किया गया है। पीएम मोदी अरुण योगीराज के शिल्पकला से बेहद प्रभावित हुए थे और उन्होंने उनकी इस कला की तारीफ की थी। इसके अलावा केदारनाथ में लगी शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची प्रतिमा अरुण योगीराज के द्वारा बनाई गई है। 

 

तीन मूर्तिकारों का हुआ था चयन

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा भगवान राम की मूर्ति बनाने के लिए तीन मूर्तिकारों का चयन किया गया था। जिनमें अरुण योगीराज का भी नाम था। अरुण ने अपना नाम शामिल किए जाने पे कहा, “मुझे प्रसन्नता है कि मैं देश के उन तीन मूर्तिकारों में शामिल था, जिन्हें रामललाकी मूर्ति तराशने के लिए चुना गया था।”

अरुण योगीराज उनके द्वारा बनाई गई मूर्ति का चयन होने पर उनकी मां ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा, “यह हमारे लिए सबसे खुशी का क्षण है। मैं अरुण को एक सफल मूर्तिकार बनते हुए देखना चाहती थी, उसने इसे कर दिखाया। प्राण प्रतिष्ठा पर हम सभी लोग अयोध्या जाएंगे।”

 

भगवान राम का है कर्नाटक से संबंध

भगवान राम का कर्नाटक से गहरा संबंध है। किष्किन्धा कर्नाटक में स्थित है जहां भगवान राम के अनन्य भक्त हनुमान जी का जन्म हुआ था। किष्किन्धा में भगवान राम ने कुछ दिन बिताए थे, इसके बाद वो वानर सेना के साथ आगे की यात्रा पर निकल गए थे।