अनिकेत | सफलता की कहानियाँ | निःशुल्क पोलियो सुधार ऑपरेशन

मिला आत्मनिर्भर नया जीवन

Start Chat


सफलता की कहानी: अनिकेत

 

एड़ियों के बल मुश्किल से कुछ कदम चलने की कोशिश करता भी तो संतुलन बिगड़ जाता और नीचे गिर पड़ता। ऐसे हालातों से मिली निजात। सहारनपुर (उ.प्र.) के सुशील कश्यप-रेखा देवी बताती हैं कि पहली संतान के रूप अनिकेत (23) का जन्म हुआ, घर में खुशी का माहोल था। लेकिन जब पता चला कि जन्मजात पोलियो ग्रस्त है तो बहुत दुःख हुआ।  जैसे-जैसे उम्र बढ़ती गई वैसे-वैसे परेशनियां भी बढ़ती चली गई। स्कूल में भी बच्चे हर वक्त मजाक उड़ाते रहते। थोड़ा चलता भी तो नीचे गिर जाता था। उपचार भी बहुत करवाया परन्तु लाईलाज ही रहा।

इसी दौरान पिछले वर्ष सहारनपुर में नारायण सेवा संस्थान के निःशुल्क पोलियो जांच-चयन, नारायण लिंब एवं कैलिपर माप शिविर की जानकारी मिली, 4 जुलाई 2022 को उदयपुर संस्थान आए। यहां आने पर बारी-बारी से दोनों पैरों का सफलतापूर्वक ऑपरेशन होने के बाद अब अनिकेत अपने पैरों पर खड़ा हो चलता भी है।

वह कहता हैं कि अब मुझे न तो किसी के सहारे की और ना ही गिरने का डर रहता है। मैं खुद चल लेता हूँ। कुछ समय बीतने के बाद अगस्त 2023 में आत्मनिर्भर बनने की चाह रख पुनः संस्थान आए। जहां संस्थान ने निःशुल्क त्रैमासिक कम्प्युटर प्रशिक्षण दे आत्मनिर्भर बनाया। अनिकेत और परिजन बताते हैं कि संस्थान ने दिव्यांगता दूर कर सकलांग ही नहीं बल्कि आत्मनिर्भर बना एक नया जीवन भी दिया हैं। संस्थान परिवार का बहुत धन्यवाद !  हम सदैव आभारी रहेंगे।