03 October 2025

Diwali 2025: इस दिन मनाई जाएगी दीपावली, जानें शुभ मुहूर्त

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दीपावली सनातन संस्कृति का सबसे प्रमुख और पावन पर्व है। यह त्यौहार अंधकार से प्रकाश की ओर, असत्य से सत्य की ओर और नकारात्मकता से सकारात्मकता की ओर बढ़ने का प्रतीक है। इस त्यौहार पर जब कार्तिक मास की अमावस्या की रात असंख्य दीपों से जगमगाती है, तब ऐसा प्रतीत होता है मानो आकाश और धरती मिलकर एक ही स्वर में आनंद गा रहे हों।

वर्ष 2025 में दीपावली का पर्व विशेष रूप से मंगलकारी संयोग लेकर आ रहा है। इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश उपासना से घर-परिवार में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है।

 

दीपावली 2025 कब है?

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार दीपावली 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी। साल 2025 में कार्तिक माह की अमावस्या तिथि की शुरुआत 20 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 44 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 21 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 54 पर होगा। दीपावली में लक्ष्मी पूजा त्यौहार का आवश्यक अंग है। जिसका शुभ मुहूर्त 20 अक्टूबर को प्राप्त हो रहा है। ऐसे में धर्माचार्यों ने 20 अकूबर को दीपावली का पर्व मनाने का निर्णय लिया है। 

 

दीपावली का महत्व

दीपावली के महत्व को केवल एक पर्व तक सीमित नहीं किया जा सकता। यह हमारे जीवन की उस आध्यात्मिक यात्रा का उत्सव है जहाँ अंधकार (अज्ञान) को हटाकर प्रकाश (ज्ञान) को स्थापित किया जाता है।

पौराणिक आधार: इस दिन भगवान श्रीराम चौदह वर्षों का वनवास पूर्ण कर अयोध्या लौटे थे। उनके स्वागत में नगरवासियों ने दीप प्रज्वलित कर आनंदोत्सव मनाया। तब से दीपावली हर वर्ष प्रकाश और विजय का प्रतीक बनकर मनाई जाती है।

लक्ष्मी माता का आगमन: मान्यता है कि कार्तिक अमावस्या की रात माता लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और जिस घर में स्वच्छता, पवित्रता और श्रद्धा का दीप जलता है, वहाँ माँ लक्ष्मी का वास होता है।

 

लक्ष्मी-गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त 

दीपावली के दिन लक्ष्मी-गणेश पूजन त्यौहार का अभिन्न अंग माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन माँ लक्ष्मी की पूजा करने से धन तथा सुख-समृद्धि और गणेश जी पूजा करने से ऋद्धि-सिद्धि की प्राप्ति होती है। दिवाली के दिन पूजा का शुभ समय शाम 7 बजकर 8 मिनट से लेकर 8 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। गणना के अनुसार लगभग 1 घंटा 11 मिनट का समय पूजा के लिए उपलब्ध है। 

 

पूजा विधि

दीपावली के दिन माँ लक्ष्मी और गणेश जी पूजा शाम को वृषभ लग्न और चौघड़िया के समय की जाती है। इस दिन पूजा करने के लिए निम्न चरणों का पालन करें- 

  • सबसे पहले पूजा स्थल को अच्छी तरह साफ करें और फिर चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं।
  • चौकी पर भगवान गणेश की प्रतिमा को मां लक्ष्मी जी के दाहिने हाथ की ओर स्थापित करें। 
  • तांबे या चाँदी के कलश में जल भरकर आम्रपल्लव व नारियल रखें और चौकी पर स्थापित करें।
  • हाथ में फूल और अक्षत लेकर आचमन करें और संकल्प लें, उसके बाद पूजा आरंभ करें। 
  • दूध, दही, शहद, गंगाजल आदि से मां लक्ष्मी और गणेश जी का अभिषेक करें। 
  • माता लक्ष्मी को लाल चंदन, लाल फूल, कुमकुम, रोली और श्रृंगार का सामान अर्पित करें। 
  • घी के 5 या 11 दीपक जलाएं और फिर गणेश जी व माँ लक्ष्मी का ध्यान करें। 
  • माँ लक्ष्मी और गणेश जी को खीर, बतासे, लाई, बूंदी के लड्डू, फल, नारियल और सफेद रंग की मिठाइयों का भोग लगाएं।
  • पूजा के दौरान श्री लक्ष्मी सूक्तम या लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें। 
  • माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूरी श्रद्धा के साथ आरती उतारें और शंख ध्वनि करें। 
  • पूजा के बाद प्रसाद का वितरण करें और सभी से गलती के लिए क्षमा प्रार्थना करें। 
  • पूजन के बाद घर के मुख्य द्वार, खिड़की, आँगन, तुलसी के पास और घर के प्रत्येक कोने में सरसों या तिल के तेल के दीपक जलाएँ।

 

पूजा के समय विशेष नियम

  • इस दिन काले वस्त्र न पहनें। स्वच्छ और उज्ज्वल रंग जैसे पीला, लाल, या सफेद रंग के वस्त्र धारण करें।
  • पूजा करते समय मन में क्रोध, ईर्ष्या या अहंकार न लाएँ। भक्ति भाव ही लक्ष्मी जी को प्रिय है। इसलिए पूरे मन से पूजा करें। 
  • रात्रि में पूजा के समय दीप जलते रहें। मान्यता है कि दीप बुझ जाने से दरिद्रता का प्रवेश हो सकता है।
  • लक्ष्मी पूजन के बाद परिवार के सभी सदस्य मिलकर आरती उतारें और आरती गाएँ।

 

दीपावली का त्यौहार आत्मा के जागरण का अवसर है। इस दिन हम माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की आराधना करें, दीप जलाएँ, जरूरतमंदों को दान करें और अपने भीतर के अंधकार को दूर करें।

 

प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):

 

प्रश्न: दीपावली 2025 कब है?

उत्तर: दीपावली 20 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी।

 

प्रश्न: छोटी दिवाली को और किस नाम से जाना जाता है?

उत्तर: छोटी दिवाली को नरक चौदस या रूप चौदस के नाम से जाना जाता है।

 

प्रश्न: दीपावली के दीयों में कौन सा तेल उपयोग में लाया जाता है?

उत्तर: दीपावली के दीयों में सरसों या तिल के तेल का उपयोग किया जाता है।

 

प्रश्न : दिवाली पर देवी लक्ष्मी के साथ कौन से भगवान की पूजा की जाती है?

उत्तर: दिवाली पर देवी लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश की पूजा की जाती है।

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