Rakesh Kumar | Success Story
  • +91-7023509999
  • +91-294 66 22 222
  • info@narayanseva.org
no-banner

मंजिल की ओर बढ़ चले कृत्रिम पांव

Start Chat

सफलता की कहानी : राकेश

तीन साल पहले कार हादसे में पांवों की नसें ब्लाक होने से रक्त का संचार बंद हो गया। उपचार के दो माह बाद अचानक गैग्रीन रोग के जकड़ने पर दोनों पांवों को कटवाना पड़ा। यह दुःखभरी कहानी है, हिमाचलप्रदेश निवासी राकेश कुमार (37) की। 

टेक्सी चलाकर परिवार के पांच सदस्यों की गृहस्थी की गाड़ी को भी खुशी से खींचते जीवन बीता रहे थे कि 2020 में कार हादसे ने परिवार को इलाज हेतू दर-दर भटकने को मजबूर कर दिया। जहां भी जाते वहां 2 से 3 लाख का खर्च बताते जो बूते से बाहर था, काम-काज के छूट जाने से इतना धन जुटा पाना नामुमकिन था। उपचार में काफी खर्च से परिवार की माली हालत बहुत ही खराब हो गई ।

इसी बीच टीवी और परिचित से नारायण सेवा संस्थान के निःशुल्क उपचार व सेवा कार्यों की जानकारी मिली तो विश्वास नही हुआ कि आज के समय में कौन खर्चिला उपचार निःशुल्क कर सकता है? परन्तु संस्थान आने पर दिव्यांगों की सेवा और उपचार देख यकीन हो गया कि यही मानवता का असली मंदिर है। 

संस्थान में 5 अक्टूंबर 2022 में दोनों पांवों का माप ले 9 अक्टूंबर को विशेष कृत्रिम पांव तैयार कर पहनाएं। 

मैने कभी सोचा नही था कि मैं फिर से चल पाऊंगा लेकिन संस्थान ने मुझे निःशुल्क कृत्रिम पांवों के सहारे खड़ा कर चलने लायक बना दिया।