18 October 2023

नवरात्रि पर माँ के अलग-अलग स्वरूपों को अर्पित करें ये खास फूल, पूर्ण होंगी सभी मनोकामनाएं

नवरात्रि का पर्व शुरू हो चुका है। यह पर्व आदि शक्ति माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों को समर्पित है। यह समय मातारानी की कृपा प्राप्त करने के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। इस त्यौहार के दौरान आप माँ के नौ स्वरूपों को उनके पसंद के अलग-अलग फूल अर्पित करके कृपा प्राप्त कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि किस दिन माँ के किस स्वरूप को कौन सा फूल अर्पित करना चाहिए।

 

पहला दिन 

नवरात्रि का पहला दिन माँ शैलपुत्री के लिए समर्पित माना जाता है। इस दिन पर्वतराज की बेटी शैलपुत्री की पूजा अर्चना की जाती है। कहा जाता है कि देवी शैलपुत्री को गुड़हल का लाल फूल और सफेद कनेर का फूल बेहद पसंद है। इसलिए नवरात्रि के पहले दिन माँ को ये फूल अर्पित करना चाहिए। 

 

दूसरा दिन 

नवरात्रि पर्व का दूसरा दिन माँ के दूसरे स्वरूप ब्रह्मचारिणी को समर्पित है। इस दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है और भक्त माँ के इस स्वरूप से समृद्धि का आशीर्वाद मांगते हैं। कहा जाता है कि देवी ब्रह्मचारिणी को वट वृक्ष के फूल बेहद पसंद हैं। इसलिए दूसरे दिन माँ को वट वृक्ष के फूल अर्पित करना चाहिए। 

 

तीसरा दिन 

इस पर्व के तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा की आराधना की जाती है। माँ चंद्रघंटा की पूजा करके भक्त जीवन में सफलता का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख के अनुसार, माँ चंद्रघंटा का पसंदीदा पुष्प कमल है। इसलिए इस दिन माँ को प्रसन्न करने के लिए कमल का फूल अर्पित करना चाहिए। 

 

चौथा दिन 

इस त्यौहार का चौथा दिन माँ कूष्मांडा की आराधना के लिए समर्पित है। माँ के इस रूप की पूजा अर्चना करने से भक्तों को आरोग्य जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है। माँ कूष्मांडा के पसंदीदा फूल पीले रंग के पुष्प या चमेली के पुष्प हैं। इसलिए इस दिन माँ को पीले रंग के फूल या चमेली के फूल चढ़ाना चाहिए। 

 

पांचवा दिन 

इस त्यौहार के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की आराधना की जाती है। माँ स्कंदमाता को पीले रंग के फूल अत्यंत प्रिय हैं। इसलिए इस दिन भक्त माँ को पीले रंग के फूल अर्पित करते हैं और माँ से सुख और संपन्नता का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। 

 

छठवां दिन 

नवरात्रि के छठवें दिन माँ कात्यायनी की पूजा की जाती है। इस दिन माँ को प्रसन्न करने के लिए गेंदे के पीले फूल अर्पित किए जाते हैं। इससे देवी कात्यायनी प्रसन्न होती हैं और भक्तों के ऊपर उनकी कृपा सदैव बनी रहती है। 

 

सातवां दिन 

नवरात्रि का सातवां दिन माँ कालरात्रि को समर्पित है। इस दिन देवी कालरात्रि की पूजा में नीले रंग के फूल चढ़ाने चाहिए। इससे देवी का आशीर्वाद भक्तों को प्राप्त होता है।

 

आठवां दिन

नवरात्रि के पर्व का आठवां दिन माँ महागौरी को समर्पित है। कहा जाता है कि देवी महागौरी को मोगरे के फूल अत्यंत प्रिय हैं। इसलिए इस दिन देवी माँ को मोगरे के फूल अर्पित करना चाहिए। मोगरे के फूल अर्पित करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

 

नौवां दिन

नवरात्रि का नौवां दिन माँ सिद्धिदात्री को समर्पित है। इस दिन माँ के इस स्वरूप को चंपा और गुड़हल के फूल चढ़ाने पर भक्तों को माँ की असीम कृपा प्राप्त होती है।