02 November 2023

जानें, किस तरह से अधिक काम आपके जीवन को कर सकता है प्रभावित?

हाल ही में इंफोसिस के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति के एक बयान ने दुनिया भर में बहस छेड़ दी है जिसमें उन्होंने भारत के युवाओं को हर सप्ताह 70 घंटे काम करने की सलाह दी थी। 3one4 Capital के पॉडकास्ट ‘द रिकॉर्ड’ के शुरुआती एपिसोड में बात करते हुए नारायण मूर्ति ने भारतीय लोगों की कार्य क्षमता पर चिंता जाहिर की थी। उन्होंने भारत के युवाओं को सुझाव दिया है कि यदि वो आर्थिक मोर्चे पर दुनिया की वैश्विक शक्तियों का मुकाबला करना चाहते हैं तो उन्हें हर सप्ताह 70 घंटे काम करना चाहिए। नारायण मूर्ति के इस बयान की दुनिया में हर तरफ चर्चा हो रही है। लोगों का कहना है कि क्या वास्तव में उनको चीन और जापान जैसी आर्थिक महाशक्तियों से मुकाबला करने के लिए अधिक काम करने की जरूरत है?

इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह से जरूरत से ज्यादा काम आपको प्रभावित करता है। उसके सकारात्मक और नकारात्मक पहलू कौन-कौन से हैं-

 

अधिक काम करने से होने वाले लाभ 

जब भी आप जरूरत से ज्यादा काम करते हैं या कार्यालय में अधिक घंटे काम करते हैं तो आप अपनी कंपनी की उत्पादकता को बढ़ा रहे होते हैं। इसका सीधा प्रभाव आपकी कंपनी या संगठन की ग्रोथ पर पड़ता है। आपके ज्यादा काम करने से कंपनी तेजी से आगे बढ़ती है और मोटा मुनाफा कमाती है। इसका एक हिस्सा कर्मचारी को भी बोनस के रूप में दिया जाता है। अगर पूरे देश की बात करें तो आपके ज्यादा काम करने से देश की अर्थव्यवस्था को बल मिलता हैं। अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ती है जिससे देश के लोगों को प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से फायदा होता हैं। 

 

अधिक काम करने से होने वाली हानि 

आज की तेज़-तर्रार आधुनिक दुनिया में, अधिक काम करना एक आम चीज बन गई है। समय सीमा के भीतर काम को पूरा करने और लगातार प्रतिस्पर्धी बने रहने का निरंतर दबाव आपको ज्यादा काम करने के लिए प्रेरित करता है। हालांकि कई लोग यह भी मानते हैं कि लंबे समय तक काम करना कंपनी के प्रति उनके समर्पण और दृढ़ संकल्प को दिखाता है। यहां पर ये समझना बेहद महत्वपूर्ण है कि जरूरत से ज्यादा काम आपके स्वास्थ्य और समग्र कल्याण पर हानिकारक प्रभाव डाल सकता है। अधिक काम आपको इस तरह से प्रभावित कर सकता है-

 

शारीरिक स्वास्थ्य समस्या

अधिक काम करने से आपके शारीरिक स्वास्थ्य पर काफी बुरा असर पड़ सकता है। इससे लोगों में तनाव के स्तर में वृद्धि हो सकती है। जो व्यक्ति लंबे समय तक काम करते हैं उन्हें दीर्घकालिक तनाव हो सकता है। जब आपका शरीर लगातार तनाव के संपर्क में रहता है, तो यह कोर्टिसोल जैसे तनाव हार्मोन के स्राव को ट्रिगर करता है, जिसके परिणामस्वरूप उच्च रक्तचाप और हृदय रोग का खतरा बढ़ने सहित कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

अक्सर देखा जाता है कि अधिक काम के दबाव से लोग अपर्याप्त नींद के शिकार हो जाते हैं। वो जरूरत के हिसाब से नींद नहीं ले पाते। इससे उनकी निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित होती है। साथ ही ज्यादा काम का दबाव लोगों को लंबे समय तक अपनी डेस्क तक सीमित रखता है, जिससे व्यक्ति गतिहीन जीवन शैली की ओर अग्रसर हो जाता है। शारीरिक गतिविधि की कमी मोटापे, मांसपेशियों और जोड़ों की समस्याओं जैसी बीमारियों को उत्पन्न कर सकती हैं। इसके अलावा अधिक काम बर्नआउट शारीरिक और भावनात्मक रूप से आपको थका सकता है। बर्नआउट के कारण लोगों को थकान और अनिद्रा जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसका असर लोगों के कार्य प्रदर्शन पर भी हो सकता है। 

 

मानसिक स्वास्थ्य परिणाम

अधिक काम करने से न केवल आपके शारीरिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है; बल्कि यह आपके मानसिक स्वास्थ्य पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। लगातार अधिक काम करने से चिंता और अवसाद बढ़ सकता है। शानदार प्रदर्शन करने और समय सीमा के भीतर काम को पूरा करने का लगातार दबाव भय और निराशा की भावना पैदा कर सकता है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

ऐसा कई बार देखा गया है कि थके हुए दिमाग में रचनात्मक समाधान और नवीन विचारों के आने की संभावना कम हो जाती है। अधिक काम आपकी रचनात्मकता और समस्या सुलझाने की क्षमताओं को प्रभावित करता है।

 

दीर्घकालिक परिणाम

अधिक काम करने के कुछ दीर्घकालिक परिणाम भी हो सकते हैं। इससे आपके रिश्ते तनावपूर्ण हो सकते हैं और व्यक्तिगत जीवन और समग्र खुशी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। सामाजिक मेलजोल के लिए समय और ऊर्जा की कमी के परिणामस्वरूप लोगों से दूरियां बढ़ सकती हैं और महत्वपूर्ण संबंधों में गिरावट आ सकती है। काम की अधिकता के कारण निजी जीवन, शौक और सामाजिक गतिविधियों के लिए भी आपके पास बहुत कम समय बचता है। जो आपके जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। 

 

डोमिनोज प्रभाव

जरूरत से ज्यादा काम के नकारात्मक परिणाम आपके भीतर डोमिनोज़ प्रभाव पैदा कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, जब अधिक काम करने के कारण आपका स्वास्थ्य खराब हो जाता है, तो इससे उपचार का खर्च बढ़ जाता है और नौकरी की सुरक्षा और वित्तीय स्थिरता के बारे में चिंता हो सकती है, जो आपके भीतर नकारात्मक विचारों को और भी बढ़ा सकता है।

ऐसे समाज में जो अक्सर अधिक काम को महिमामंडित करता है। वहां जीवनशैली से जुड़ी छिपी हुई लागतों को पहचानना महत्वपूर्ण है। जहां एक ओर अधिक काम करने से कुछ सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो सकते हैं वहीं इससे कुछ दीर्घकालिक नकारात्मक परिणाम भी हो सकते हैं। भाग-दौड़ भरी जिंदगी में काम और निजी जीवन के बीच संतुलन बनाना बेहद महत्वपूर्ण है।