31 October 2023

कार्तिक मास के दौरान ये काम करने से होगी भगवान विष्णु की कृपा

इस साल 29 अक्टूबर से कार्तिक मास की शुरुआत हो चुकी है, जो 28 नवंबर 2023 तक चलेगा। यह माह लोगों के जीवन में सुख-समृद्धि और भगवान की कृपा लेकर आता है। हिन्दू कैलंडर के अनुसार यह आठवां माह है। इसे दामोदर मास के नाम से भी जाना जाता है। इस माह में जगत के पालनहार भगवान विष्णु अपनी योगनिद्रा से उठते हैं। इसलिए इस माह को सबसे पवित्र माह माना जाता है। 

कार्तिक मास के बारे में कहा जाता है कि जो लोग रोहिणी नक्षत्र के तहत पूजा अर्चना करते हैं और भगवान का स्मरण करते हैं। उन्हें इस संसार में उपलब्ध सभी सुख प्राप्त होते हैं। 

 

कार्तिक मास का महत्व 

सनातन धर्म में इस माह का बहुत ज्यादा महत्व है। लोग इस माह के दौरान भगवान विष्णु और कृष्ण की पूजा करते हैं। कार्तिक मास को साल के सबसे ज्यादा शुभ महीनों में गिना जाता है। इसलिए इस माह में लोगों की दिनचर्या काफी व्यवस्थित रहती है। लोग ब्रह्म मुहूर्त में जागते हैं, ध्यान करते हैं, साधना करते हैं और भगवान की उपासना करने के लिए मंदिर जाते हैं। 

 

कार्तिक मास में करें तुलसी पूजन 

सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार कार्तिक मास में तुलसी पूजन बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। कहा जाता है कि इस माह पूरे विधि-विधान के साथ पूजा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। इसलिए इस मास में हर सुबह स्नान के पश्चात तुलसी को जल अर्पित करने की परंपरा है। कहा जाता है कि अगर इस पूरे मास में गोधूलि बेला के समय तुलसी के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाया जाए तो इससे घर की दरिद्रता दूर होती है। ध्यान रखें, तुलसी को बिना स्नान किए न छुएं। 

 

कार्तिक मास में करें ये काम 

इस मास में लोगों को ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए। उठने के पश्चात सरोवर या पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। इसके बाद मंदिर जाकर भगवान के दर्शन करना चाहिए साथ ही कार्तिक मास की पवित्र कथा सुनें। कहा जाता है कि इस मास में सूर्य भगवान को अर्घ्य देने से तथा भगवान कृष्ण और विष्णु की पूजा करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इस माह के दौरान कई लोग दिन के एक पहर ही भोजन करते हैं। यह साधना का एक तरीका होता है। इस माह में जरूरतमंदों को अन्न और जल का दान करना चाहिए और प्रतिदिन भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते अर्पित करना चाहिए। 

 

तुलसी मंत्र 

तुलसी की पूजा करते समय ये मंत्र जरूर बोलें-

महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी।  

आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।।

 

मंत्र बोलने के पहले इन बातों का रखें ध्यान 

  • तुलसी का मंत्र बोलने के पहले भगवान की पूजा करें। इसके बाद ही तुलसी की पूजा करें। 
  • तुलसी की पूजा करने के पहले प्रणाम करके जल चढ़ाएं।
  • पूजा करने के पहले तुलसी के पेड़ का हल्दी और सिंदूर का शृंगार करें। इसके बाद तुलसी के समक्ष दीपक या अगरबत्ती जलाएं। 
  • पूजा के दौरान तुलसी की 7 बार परिक्रमा अवश्य लगाएं।