17 September 2024

इंदिरा एकादशी: तिथि और दान का महत्व

सनातन धर्म में एकादशी बेहद पुण्यदायी मानी जाती है। धार्मिक ग्रंथों में इस दिन व्रत, स्नान दान और उपवास का विशेष महत्व माना गया है। यह शुभ दिन भगवान विष्णु की उपासना और भक्ति के लिए सर्वश्रेष्ठ होता है। हर एकादशी का अपना अलग महत्व और फल होता है। इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण एकादशी है इंदिरा एकादशी, जो पितृ पक्ष के दौरान आती है। यह एकादशी पितरों की आत्मा की शांति और मोक्ष प्रदान करने वाली मानी जाती है।

 

इंदिरा एकादशी 2024 तिथि और शुभ मुहूर्त

 

साल 2024 में इंदिरा एकादशी की शुरुआत 27 सितंबर को शनिवार के दिन दोपहर 1 बजकर 20 मिनट पर होगी। वहीं इस तिथि का समापन अगले दिन 28 सितंबर को रविवार के दिन दोपहर 2 बजकर 49 मिनट पर होगा। हिन्दू धर्म में उदयातिथि का महत्व है इसलिए इंदिरा एकादशी 28 सितंबर 2024 को मनाई जाएगी।

 

इंदिरा एकादशी का महत्व

 

इंदिरा एकादशी का पर्व पूरी तरह से भगवान विष्णु के लिए समर्पित है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु संग धन की देवी माँ लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस व्रत को करने से तथा दीन-हीन, निर्धन लोगों को दान देने से साधक द्वारा जन्म-जन्मांतर में किए गए सभी पाप कट जाते हैं। यह एकादशी पितृ पक्ष में मनाई जाती है। अतः साधक को पितरों का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही इस दिन पूजा आदि करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

 

इस दिन का महत्व केवल पितृ ऋण से मुक्ति के लिए ही नहीं है, बल्कि यह व्रत धर्म, कर्म और परोपकार के मार्ग पर चलने की प्रेरणा भी देता है। इस एकादशी को करने से व्यक्ति के जीवन में धार्मिक और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है।

 

दान का महत्व

 

एकादशी केवल धार्मिक अनुष्ठानों तक ही सीमित नहीं है। धार्मिक अनुष्ठानों के अलावा इस दिन दान देने का अत्याधिक महत्व है। दान को सनातन धर्म में सदियों से ही पुण्य का काम माना जाता है. शास्त्रों के मुताबिक, दान करने से व्यक्ति के बुरे कर्म नष्ट हो जाते हैं और उसे अच्छे कर्मों का फल मिलता है। ज्योतिष के मुताबिक, दान करने से धर्म का ठीक से पालन होता है और जीवन की कई समस्याओं से भी निजात मिलती है। दान को आयु रक्षा और स्वास्थ्य के लिए भी अचूक माना जाता है।

 

जिस समाज में हम रहे हैं उसके अस्तित्व और प्रगति के लिए सहयोग आवश्यक है। दान देने के समय आपके मन में अहं का, पुण्य कमाने का या अहसान करने का भाव नहीं होना चाहिए। उस व्यक्ति का आपको कृतज्ञ होना चाहिए कि उसने आपके अंदर सद्भाव जगाकर आपके दान को स्वीकार करके आपको कृतार्थ किया। ईश्वर के प्रति कृतज्ञता होनी चाहिए कि उसने आपको कुछ देने के योग्य बनाया।

 

सनातन धर्म के कई ग्रंथों और पुराणों में दान के महत्व का उल्लेख मिलता है। दान के महत्व का उल्लेख करते हुए मनुस्मृति में कहा गया है-

 

तपः परं कृतयुगे त्रेतायां ज्ञानमुच्यते ।

द्वापरे यज्ञमेवाहुर्दानमेकं कलौ युगे ॥

 

अर्थात् सतयुग में तप, त्रेता में ज्ञान, द्वापर में यज्ञ और कलियुग में दान मनुष्य के कल्याण का साधन है।

इंदिरा एकादशी पर करें इन चीजों का दान

 

इंदिरा एकादशी पर दान का बड़ा महत्व माना जाता है। कहा जाता है कि इस पुण्यकारी अवसर पर अन्न और भोजन का दान सर्वोत्तम है। इंदिरा एकादशी के पुण्यकारी अवसर पर नारायण सेवा संस्थान के दीन-हीन, निर्धन, दिव्यांग बच्चों को भोजन दान करने के प्रकल्प में सहयोग करके पुण्य के भागी बनें।

प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):-

 

प्रश्न: इंदिरा एकादशी 2024 कब है?

उत्तर: इंदिरा एकादशी 28 सितंबर 2024 को मनाई जाएगी।

 

प्रश्न: इंदिरा एकाशी पर किन लोगों को दान देना चाहिए?

उत्तर: इंदिरा एकादशी पर ब्राह्मणों तथा दीन-हीन, असहाय, निर्धन लोगों को दान देना चाहिए।

 

प्रश्न: इंदिरा एकादशी के दिन किन चीजों का दान करना चाहिए?

उत्तर: इंदिरा एकादशी के शुभ अवसर पर अन्न, भोजन, फल आदि दान में देना चाहिए।