09 November 2023

भगवान शिव के अनुसार, दीपावली के पांच दिनों में दिए गए दान से मिलता है मनवांछित फल

दीपावली का त्यौहार आ चुका है। यह पांच दिनों तक चलने वाला त्यौहार है। जो धन तेरस से शुरू हो जाता है और भाई दूज तक चलता है। इस उत्सव का विस्तृत उल्लेख पद्म पुराण में किया गया है। पद्म पुराण महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित 18 पुराणों में से एक है। पद्म पुराण में भगवान शिव और उनके पुत्र कार्तिकेय की बातचीत का उल्लेख मिलता है जिसमें कार्तिकेय अपने पिता से पूछ रहे हैं कि दीपावली के त्यौहार पर क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए? इस त्यौहार को मनाने से लोगों को क्या लाभ होते हैं और दीयों को किस समय प्रज्वलित करना चाहिए। 

 

कार्तिकेय के कौतूहल भरे प्रश्नों का भगवान शिव ने जवाब दिया 

उन्होंने कार्तिकेय को बताया कि यह माह भगवान विष्णु को समर्पित है। जो व्यक्ति इस माह में भगवान विष्णु के समक्ष घी और तिल के तेल का दीप प्रजावलित करता है, उसे सम्पूर्ण तीर्थों में स्नान करने तथा सभी यज्ञों में अनुष्ठान करने के बराबर फल प्राप्त होता है। इस माह के पांच दिन बेहद पवित्र माने जाते हैं। यदि कोई व्यक्ति कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तथा शुक्ल पक्ष की द्वितीया के बीच जो भी दान करता है, वह दान अक्षय होता है और व्यक्ति की सभी प्रकार की कामनाओं को पूर्ण करता है। 

भगवान शिव कार्तिकेय से कहते हैं, इन पांच दिनों में भोजन दान सर्वोत्तम है। इसलिए गरीबों को भोजन या अन्न का दान करना चाहिए। अगर दीपावली के त्यौहार के दौरान कोई व्यक्ति किसी ब्राह्मण या गरीब को तिल के बीज के बराबर भी सोना दान देता है तो उसे अपने परिवार सहित विष्णु धाम प्राप्त होता है। जो इन पांच दिनों में गरीबों या ब्राह्मणों को चांदी दान करता है वह चंद्र लोक में जाता है। साथ ही जो व्यक्ति गाय दान करता है वो पृथ्वी को फसल सहित दान करने के बराबर फल प्राप्त करता है। 

 

देवधिदेव महादेव अपने पुत्र कार्तिकेय से आगे कहते हैं कि दीपावली के पांच दिनों में घर के साथ मंदिर और प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर दीपक अवश्य प्रज्वलित करना चाहिए। इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और उन पितरों को मोक्ष प्रदान करते हैं जिनका श्राद्ध व तर्पण नहीं हुआ है। पितर हमेशा कार्तिक माह में किये गए दीपदान की प्रतीक्षा करते हैं। 

 

धन तेरस 

पद्म पुराण में किये गए उल्लेख में भगवान शिव कार्तिकेय को बताते हैं कि धन तेरस के दिन घर के बाहर यमराज के लिए दीप दान करना चाहिए। इससे अकाल मृत्यु का भय खत्म होता है। इस दिन यमराज को दक्षिण की दिशा में दीप अर्पित करते हुए इस मंत्र का उच्चारण करें, “मृत्युनां दण्डपाशाभ्यां कालेन श्यामया सह। त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रीयतां मम्”

 

रूप चौदस 

महादेव कहते हैं कि जो व्यक्ति रूप चौदस के दिन प्रातः काल स्नान करता है उस पर यमराज की कृपा होती है और उसे नरक नहीं जाना पड़ता। इस दिन यमराज का ध्यान करते हुए उन्हें जल अर्पित करना चाहिए। 

 

दीपावली पर करें ये काम 

भगवान शिव के अनुसार, इस दिन सभी लोगों को प्रातः काल स्नान कर लेना चाहिए। घर की स्त्रियों को ब्रह्ममुहूर्त में माँ लक्ष्मी को जगाकर उनकी पूजा करनी चाहिए। इससे घर में धन धान्य की कमी नहीं होती है। साथ ही घर के मुखिया को सुबह पितरों को प्राणाम करके उनका पूजन करना चाहिए।  

 

गोवर्धन पूजा 

गोवर्धन पूजा के दिन लोगों को मंदिर में बाजरा और चावल दान करना चाहिए। साथ ही सुबह उठकर गोबर का गोवर्धन बनाना चाहिए और उसकी श्रद्धापूर्वक पूजा करनी चाहिए। 

 

भाई दूज 

भगवान शिव के अनुसार, इस दिन बहन के हाथ का बना भोजन करना चाहिए। साथ बहनों को वस्त्र दान करना चाहिए। यमराज की बहन यमुना हैं। इसलिए इस दिन यमुना नदी में स्नान करने से व्यक्ति यमलोक नहीं जाता। इस दिन यम की पूजा करके आशीर्वाद प्राप्त करें। 

 

स्नान-दान का पर्व

पद्म पुराण के आलावा स्कंद और भविष्य पुराण में दीपावली का उल्लेख मिलता है। जहां इस पर्व को स्नान-दान का पर्व बताया गया है। कहा गया है कि इस दिन स्नान और दान से हर तरह के पापों से छुटकारा मिलता है। कार्तिक अमावस्या के दिन पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए। इससे तीर्थ में स्नान करने के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है। इन पुराणों के अनुसार इस दिन गर्म वस्त्रों का दान श्रेष्ठ माना गया है।