स्वेटर और कंबल वितरण
स्वेटर और कंबल वितरण सेवा प्रकल्प उन परिवारों को गरमाहट, सुकून और सम्मान देने का प्रयास है जो कठोर सर्दी का सामना कर रहे हैं। यह प्रकल्प 1 लाख ज़िंदगियों तक राहत और अपनापन पहुँचाने के उद्देश्य से संचालित किया जा रहा है।
₹5,000
From Kishore Kumar
₹300
From Pawan Kumar
₹202
From Akshay Kshirsagar
₹501
From Meghana
₹100
From Tanuja Chike
₹5,000
From Gouri Kumari Sahu
₹301
From Sonal Dadhich
₹5,000
From Chandrakant Upadhyay
₹500
From JIMMI BANGA
₹1,000
From Nikhil Nibe
₹10
From Shailendra Singh Chauhan
₹200
From Mayuri Pachpor
₹100
From Tejashree Birje Petkar
₹5,000
From Sharda Bansal
₹501
From Jitesh Darjee
₹500
From Sachin Darvatkar
₹5,000
From Sandeep
₹50
From Shrishailya Nila
₹251
From KISHOR MALDE CHOCHA
₹2,000
From Jai Guruji
जैसे-जैसे सर्दी अपनी ठिठुरन भरी चादर ओढ़कर धरती पर उतर रही है, हवा में ठंडक के साथ चिंता की लहर भी फैलने लगी है। हमारे लिए यह मौसम गर्म कपड़ों, हीटर और सूप के प्यालों का है, लेकिन कुछ लोगों के लिए यही सर्दी हर दिन एक परीक्षा बन जाती है। खुले आसमान के नीचे, टूटी झोपड़ियों में, या सड़कों के किनारे सिकुड़कर रात काटते अनगिनत लोग हर सांस के साथ ठंड से जंग लड़ते हैं।
उनके लिए हर रात एक सवाल बनकर आती है,
“क्या अगली सुबह सूरज की गर्मी महसूस कर पाऊँगा?”
उन बच्चों के लिए, जिनके नन्हें हाथों में किताबें होनी चाहिए, वहाँ कंपकपाते हाथों में सिर्फ उम्मीद बची है।सर्द हवाएँ उनके सपनों को जमा देती हैं, और एक साधारण स्वेटर, जूतों और मोजों का अभाव उनके जीवन की एक नई चुनौती बन जाता है।
इस सर्दी, जब हम अपने घरों में सुकून से बैठें, तो याद रखें, हमारे आस पास किसी को गर्माहट की जरूरत है। एक स्वेटर, एक कंबल, या बस एक करुणा भरा कदम किसी की ठिठुरती ज़िंदगी में सुकून बन सकता है।
सुकून भरी सर्दी सेवा प्रकल्प के माध्यम से संस्थान उन बच्चों और परिवारों तक पहुँच रहा है, जिनके पास ना ऊनी कपड़े हैं, न कंबल है, ना गर्म जूते, ना ही ठंड से बचने की कोई ढाल। हमारे द्वारा वितरित की जाने वाली वस्तुएं, जिनमें कंबल, स्वेटर, टोपी, मोज़े, और जूते शामिल हैं, दीन-हीन, असहाय, निर्धन, जरूरतमंद लोगों के जीवन में फिर से मुस्कुराने की एक वजह होंगे।
हर वर्ष हमने महसूस किया है कि एक गर्म कपड़ा किसी के लिए सिर्फ वस्त्र नहीं, बल्कि सम्मान और सुरक्षा का प्रतीक है। जब कोई बच्चा कड़कड़ाती ठंड वाली रात में ये कपड़े पहनता है, तो यह सेवा हमारे प्रयास का सबसे बड़ा फल बन जाती है।
इस सर्दी, आइए हम सब मिलकर किसी ठिठुरते हुए जीवन में गर्माहट की एक लौ जलाएँ। आपका एक छोटा- सा योगदान किसी को हाड़ कंपा देने वाली सर्दी से बचा सकता है और उसके लिए सुकून, सुरक्षा और नई उम्मीद बन सकता है।
इस कड़कड़ाती सर्दी में जब हर सांस ठिठुरन से जूझ रही है, नारायण सेवा संस्थान ने संकल्प लिया है — 50,000 स्वेटर और 50,000 कंबल उन ज़रूरतमंदों तक पहुँचाने का, जिनके पास ठंड से बचने का कोई सहारा नहीं है।
5000
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मानवता के इन खूबसूरत पलों की
सर्द हवाओं के इस मौसम में, जब कई लोग ठंड से जूझ रहे हैं, नारायण सेवा संस्थान अपनी “विंटर सेवा” पहल के माध्यम से उम्मीद और गरमाहट बाँटने के मिशन पर है।
आइए, इस सर्दी हम सब मिलकर मानवता का असली अर्थ फिर से जीएँ
जहाँ हर दिल में स्नेह हो, हर हाथ मदद के लिए बढ़े,
और हर जीवन में लौट आए सुकून और सम्मान की गरमाहट।