19 December 2022

सफला एकादशी 2024 | सफलता दिलाने वाली एकादशी

वर्ष की अंतिम एकादशी। 

हिंदू धर्म में हर दिन कोई ना कोई त्यौहार होता है और उन त्यौहारों में एकादशी भी एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। एकादशी को सबसे पवित्र दिनों में से एक माना जाता है। अगर एकादशी की बात करें तो यह पूरे भारत में और भारत के बाहर लाखों भक्तों द्वारा मनाई जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, साल में लगभग 24 और प्रत्येक माह में दो एकादशी तिथि आती हैं, सभी एकादशियों का अलग-अलग महत्व होता है। पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को ‘सफला’ एकादशी कहा जाता है। जिसका अर्थ ‘समृद्ध होना’ है। 

 

एकादशी व्रत का महत्व

एकादशी के व्रत का उल्लेख पद्म पुराण में मिलता है। जिसमें एकादशी को लेकर भगवान विष्णु और धर्मराज युधिष्ठिर के बीच हो रही बातचीत के बारे में बताया है। युधिष्ठिर के पूछने पर भगवान कृष्ण युधिष्ठिर से कहते हैं, “लोगों को बड़े से बड़े यज्ञों और अनुष्ठान से उतना पुण्य नहीं मिलता जितना एकादशी व्रत से मिल जाता है। जिस प्रकार नागों में शेषनाग, पक्षियों में गरुड़, ग्रहों में चंद्रमा श्रेष्ठ हैं उसी तरह सारे व्रतों में एकादशी का व्रत सर्वश्रेष्ठ है। इस दिन व्रत करने वाले व्यक्ति की सारी इच्छाओं की पूर्ति होती है और सभी संकट दूर होते है।” धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भी व्यक्ति सफला एकादशी का व्रत नियम और श्रद्धा के साथ करता है उसे सुख, सफलता, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस एकादशी के दिन घर की उत्तर दिशा में गेंदे का फूल लगाना शुभ माना जाता है, क्योंकि गेंदे के फूल इस जगत के पालनहार भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है।

इस बार सफला एकादशी 7 जनवरी 2024 को मनाई जाएगी। जिसका शुभ मुहूर्त 7 जनवरी 2024 को देर रात 12 बजकर 41 मिनट से प्रारम्भ होगा। जो अगले दिन 8 जनवरी 2024 को देर रात 12 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। इस तरह से उदयातिथि के अनुसार 7 जनवरी को सफला एकादशी व्रत रखा जाएगा। यह साल 2024 का पहला एकादशी व्रत होगा।

 

सफला एकादशी में क्या करे और क्या न करें

एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करें। व्रत के उपरांत सात्विक भोजन करें, तामसिक भोजन का सेवन न करें। किसी का अपमान न करें। गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करें उन्हें भोजन कराएं। गायों की सेवा करें। नारायण सेवा संस्थान के साथ जुड़ कर एकादशी के पावन अवसर पर गरीब एवं दिव्यांग बच्चो को भोजन करावें

एकादशी में लाभकारी है दान

एकादशी पर दिया गया दान हजारों पुण्य के समान फल प्राप्त करने वाला माना जाता है। इस दिन जरूरमंदों को गर्म कपड़े या कंबल का दान करें ये जीवन में सौभाग्य लाता है। शास्त्रों में विद्या का दान श्रेष्ठ माना जाता है, क्योंकि ये एक ऐसा दान है जो बांटने से और अधिक बढ़ता ही है। एकादशी के दिन किसी जरुरतमंद बच्चों को शिक्षा से संबंधित वस्तुएं दान करने से समाज का कल्याण होता है, इस दिन किसी गरीब बच्चे की पढ़ाई का जिम्मा उठाने का संकल्प लेने से मां लक्ष्मी और देवी सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है। एकादशी पर किसी बीमार असहाय व्यक्ति को स्वास्थ संबंधी मदद करने से कभी न खत्म होने वाला अक्षय पुण्य प्राप्त होता है।